भाजपा ने कैसे नीतीश कुमार को ‘सुर’ बदलने को मजबूर किया

punjabkesari.in Sunday, Dec 31, 2017 - 12:43 PM (IST)

नेशनल डेस्कः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की थी कि वह गुजरात विधानसभा चुनावों में अपने उम्मीदवारों को खड़ा करेंगे। यद्यपि जनता दल (यू) का नीतीश कुमार से छोटू भाई वसावा के अलग होने के बाद कोई वोट बैंक नहीं था मगर नीतीश अपने उम्मीदवारों को खड़ा कर निष्पक्ष रहना चाहते हैं। नीतीश को संदेश भेजे गए कि वह उम्मीदवार को मैदान में न उतारें क्योंकि भाजपा के लिए प्रत्येक वोट महत्वपूर्ण है मगर वह अपने फैसले पर अडिग रहे। कुछ ही घंटों के भीतर झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने उनकी मध्य निषेध नीति पर प्रहार किया और आरोप लगाया कि शराब की बोतलें घरों में सप्लाई की जाती हैं तथा दलाल बिहार में मालामाल हो रहे हैं। यहीं बस नहीं, केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने नीतीश कुमार पर कृषि मोर्चे में उनकी कारगुजारी को लेकर हमला बोल दिया। राधामोहन ने कहा कि बिहार कृषि में सबसे निचले राज्यों की श्रेणी में है। इस पर नीतीश कुमार ने अपना रवैया बदल लिया जिससे जद (यू) के उम्मीदवार देखते ही रह गए।


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