सृजन घोटाले के बाद बिहार में अब शौचालय घोटाला

punjabkesari.in Saturday, Nov 04, 2017 - 12:11 AM (IST)

पटना : बिहार में अरबों रुपए के सृजन महाघोटाले की जारी जांच के बीच पटना जिले में करीब 15 करोड़ रुपए के शौचालय घोटाले के सामने आने से राज्य की छवि एक बार फिर धूमिल हुई है।

आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि पटना जिले में शौचालय निर्माण में घोटाले के सामने आने के बाद जिलाधिकारी संजय अग्रवाल के निर्देश पर पटना के गांधी मैदान थाना में एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। यह प्राथमिकी बिहार राज्य जल बोर्ड के अधीक्षक अभियंता विनय कुमार सिन्हा, लेखाकार बितेश्वर प्रसाद सिंह के अलावा चार गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के पदाधिकारियों के खिलाफ दर्ज कराई गई है।

प्राथमिकी के अनुसार, शौचालयों के निर्माण के नाम पर इन गैर-सरकारी संगठनों को 13.5 करोड़ रुपए का फर्जी भुगतान किया गया और प्रचार के नाम पर इन एनजीओ को 1.5 करोड़ रुपए का फर्जी भुगतान किया गया। सिन्हा लोक स्वास्थ्य एवं अभियंंत्रिकी विभाग (पीएचईडी) के कार्यकारी अधिकारी थे, जब यह घोटाला हुआ। इस बीच जिलाधिकारी अग्रवाल ने कहा कि सभी एनजीओ के परिसर में छापे मारने के निर्देश दिए गए हैं।

उन्होंने बताया कि मामले को लेकर सिन्हा को अबतक जारी किए गए तीन नोटिस में से किसी नोटिस का उन्होंने उत्तर नहीं दिया है। घोटाले में शामिल सभी एनजीओ को भी काली सूची में डाला जाएगा। सिन्हा ने वित्त वर्ष 2013-14 और 2014-15 के लिए 15 दिन के भीतर तीन गैर-सरकारी संगठनों के लिए धन का भुगतान किया था। वहीं, मामले की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज ने कहा कि कोई दोषी व्यक्ति बक्शा नहीं जाएगा।


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