नोटबंदी का 1 साल, क्रैडिट कार्ड का इस्तेमाल बढ़ा

Wednesday, Nov 01, 2017 - 07:13 PM (IST)

नई दिल्ली: नोटबंदी के एक साल में कैशलैस लेन-देन को बढ़ावा देने की कोशिशों से क्रैडिट कार्ड के इस्तेमाल के साथ बकाया रकम भी काफी बढ़ गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) के मुताबिक सितम्बर, 2016 से सितम्बर, 2017 के बीच के 12 महीनों में क्रैडिट कार्ड की बकाया रकम में 38.7 प्रतिशत का उछाल आया है। इस दौरान कुल बकाया रकम 59,900 करोड़ रुपए हो गई। पिछले साल इसी अवधि में यह रकम 43,200 करोड़ रुपए थी। हालांकि गत 2 साल में क्रैडिट कार्ड की बकाया रकम में लगभग 77.74 प्रतिशत का उछाल आया है। सितम्बर, 2015 में यह रकम 33,700 करोड़ रुपए थी।

बैंकों की चांदी
कै्रडिट कार्डों की संख्या बढऩे से बैंकों की भी चांदी हो गई है। सामान्य तौर पर बैंक क्रैडिट कार्ड की बकाया रकम पर 3.49 प्रतिशत प्रति माह (41.88 प्रतिशत प्रति वर्ष) की दर से ब्याज लेते हैं। इसका मतलब है कि बैंकों को क्रैडिट कार्ड की 59,900 करोड़ रुपए की बकाया रकम पर 2090 करोड़ रुपए का ब्याज मिलेगा। इसके साथ बैंक कुल राशि पर 18 प्रतिशत वस्तु और सेवा कर (जी.एस.टी.) भी लेते हैं।

एक बैंक अधिकारी के मुताबिक क्रैडिट कार्ड के मामले में बकाया रकम फंसने का जोखिम बहुत ज्यादा रहता है इसलिए बकाया रकम पर ब्याज दर ऊंची रखी जाती है। इसके बावजूद पिछले साल नोटबंदी लागू होने के बाद क्रैडिट कार्ड का इस्तेमाल बढ़ा है। आर.बी.आई. के मुताबिक देश में क्रैडिट कार्ड की संख्या अगस्त, 2016 में 2.64 करोड़ थी जो अगस्त, 
2017 में 3.27 करोड़ हो गई।

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