आएसएस की विचारधारा और देशभक्ति पर गर्व है : बोम्मई

punjabkesari.in Tuesday, Aug 16, 2022 - 10:17 AM (IST)

बेंगलुरु, 15 अगस्त (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत कर्नाटक सरकार द्वारा रविवार को समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापन में स्वतंत्रता सेनानियों की सूची में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को शामिल नहीं किए जाने को लेकर उठे विवाद के बीच मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि उन्हें (बोम्मई) आरएसएस की विचारधार पर गर्व है और वह आरएसएस की देशभक्ति के आगे सिर झुकाते हैं।
बोम्मई में कहा कि वह और उनकी सरकार नेहरू का आदर करते हैं साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर बी आर आंबेडकर तथा लालबहादुर शास्त्री जैसी हस्तियों को ‘‘भुलाने’’ का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, ‘‘ कल सरकारी विज्ञापन में हमने कुछ स्वतंत्रता सेनानियों का तस्वीरों के साथ जिक्र किया था जिनके बारे में पहले कोई जानता तक नहीं था। किसी ने उसके बारे में अच्छा नहीं बोला बल्कि वे (कांग्रेस) इस बात से दुखी हैं कि उनके एक नेता का नाम शामिल नहीं किया गया।’’

देश के 76वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक कार्यक्रम में बोम्मई ने कहा,‘‘ हम उन्हें और उनके काम को भूले नहीं हैं। नेहरू के प्रति हमारे दिल में सम्मान है। बल्कि विज्ञापन में उनकी एक तस्वीर है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ किसी ने कहा है कि बोम्मई आरएसएस का गुलाम बन गया है,मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मैं आरएसएस की विचारधार और सिद्धांतों के आगे सिर झुकाता हूं । मैं उन विचारधारा और सिद्धांतों के अनुरूप देश का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध हूं और मुझे इसपर गर्व है।’’
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत कर्नाटक सरकार द्वारा रविवार को समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापन में स्वतंत्रता सेनानियों की सूची में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को शामिल नहीं किए जाने पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई।

इस मामले में निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने बोम्मई पर ‘‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुलाम’’ होने का आरोप लगाया।

वहीं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव एवं पार्टी के कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री के लिए भाजपा की नफरत चरम पर पहुंच गई है।

उन्होंने कहा कि सुभाष चंद्र बोस, महात्मा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री, आंबेडकर जैसे कई नेताओं के परिवार आज मुख्यधारा की राजनीति में नहीं हैं। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि जिन लोगों को स्वतंत्रता संग्राम से राजनीतिक रूप से लाभ मिला है उन्हें तुष्टीकरण की राजनीति जैसी खराब चीजें के बारे में उत्तर देना होगा।

बोम्मई ने कहा कि आजादी के 76वें वर्ष को आजादी के गुमनाम नायकों को समर्पित करना चाहिए।

इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री ने यहां मानेक शॉ परेड मैदान में अपने संबोधन में कहा कि देश के सभी प्रधानमंत्रियों और नेताओं ने भारत की तरक्करी में अपने अपने तरीके से योगदान दिया है और किसी को भुलाने का कोई प्रश्न ही पैदा नहीं होता।

बोम्मई ने विवाद का सीधा जिक्र किए बगैर कहा, ‘‘ प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, उनके बाद लाल बहादुर शास्त्री और कई प्रधानमंत्रियों ने देश में शासन किया और सभी ने अपनी-अपनी तरह से योगदान दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री संग्रहालय स्थापित किया है जिसमें सभी के योगदान को रेखांकित किया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ अगर किसी प्रधानमंत्री ने देश के अन्य प्रधानमंत्रियों के योगदान को सार्वजनिक करने की दिशा में काम किया है तो वह हैं नरेंद्र मोदी। किसी को भुलाने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता। सभी ने अपनी अपनी तरह से योगदान दिया है। केवल प्रधानमंत्रियों ने ही योगदान नहीं दिया है, बल्कि अनेक दिग्गजों ने भी योगदान दिया है।’’
मुख्यमंत्री ने आंबेडकर और उनके नेतृत्व में बनाए गए संविधान के महत्व का जिक्र करते हुए कहा,‘‘उन्हें भुलाने के प्रयास हुए। क्या हमें लाल बहादुर शास्त्री को भूल जाना चाहिए, जिन्होंने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया था या फिर अब्दुल गफ्फार खान को भूल जाना चाहिए? अनेक लोगों ने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष में बलिदान दिए। मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।’’


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