निगम के दोषी अधिकारियों के लिए सजा तय करने के मामले में अदालत ने कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी किया
punjabkesari.in Wednesday, Aug 10, 2022 - 07:06 PM (IST)
बेंगलुरु, 10 अगस्त (भाषा) कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बुधवार को एक जनहित याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया जिसमें बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका के इंजीनियरों और अधिकारियों के लिए अवैध तथा अनधिकृत निर्माण कार्य नहीं रोक पाने के मामले में एक नये कानून के तहत सजा तय करने का अनुरोध किया गया है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और न्यायमूर्ति विश्वजीत शेट्टी की खंडपीठ ने वकील उमापति एस की याचिका पर सुनवाई की जिसने इस बात की ओर इशारा किया कि बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) अधिनियम राज्य सरकार को दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की शक्ति प्रदान करता है।
याचिका के अनुसार, ‘‘इंजीनियरों को अवैध निर्माण पर नजर रखने का अधिकार होता है, फिर भी दोषी अधिकारियों की कोई जवाबदेही तय नहीं की गयी। बीबीएमपी अधिनियम की धारा 252 के तहत सजा तय करने में राज्य की ओर से पूरी तरह चूक होने की वजह से ऐसा हुआ है।’’
इसमें कहा गया, ‘‘खराब क्रियान्वयन से अच्छे से अच्छा कानून भी बेअसर रहेगा। इसलिए आवश्यक नियम जल्द से जल्द बनाये जाने चाहिए।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और न्यायमूर्ति विश्वजीत शेट्टी की खंडपीठ ने वकील उमापति एस की याचिका पर सुनवाई की जिसने इस बात की ओर इशारा किया कि बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) अधिनियम राज्य सरकार को दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की शक्ति प्रदान करता है।
याचिका के अनुसार, ‘‘इंजीनियरों को अवैध निर्माण पर नजर रखने का अधिकार होता है, फिर भी दोषी अधिकारियों की कोई जवाबदेही तय नहीं की गयी। बीबीएमपी अधिनियम की धारा 252 के तहत सजा तय करने में राज्य की ओर से पूरी तरह चूक होने की वजह से ऐसा हुआ है।’’
इसमें कहा गया, ‘‘खराब क्रियान्वयन से अच्छे से अच्छा कानून भी बेअसर रहेगा। इसलिए आवश्यक नियम जल्द से जल्द बनाये जाने चाहिए।’’
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