कर्नाटक : भारी बारिश के बाद राज्य की कई नदियों का जलस्तर बढ़ा

Monday, Aug 08, 2022 - 10:43 AM (IST)

बेंगलुरु, सात अगस्त (भाषा) कर्नाटक के विभिन्न इलाकों में हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है जिससे खासतौर पर तुंगा और तुंगभद्र नदियों के किनारे बसे गांवों को खतरा उत्पन्न हो गया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि जलसंग्रह क्षेत्र में भारी बारिश और विजयनगर में जल के तेज बहाव के बाद कम से कम एक लाख क्यूसेक पानी तुंगभद्र बांध से तुंगभद्र नदी में छोड़ा गया है।

उन्होंने बताया कि तुंगभद्र बांध में जल संचय क्षमता 1,633 फुट है जबकि 1,631 फुट पानी पहले ही संचय हो चुका है। संतुलन बनाए रखने के लिए एक लाख क्यूसेक पानी बांध से छोड़ा गया है जिससे बांध के निचले बहाव क्षेत्र में रहने वाले लोगों के बीच बाढ़ आने का भय व्याप्त हो गया है।

अधिकारियों ने नदी के किनारे रहने वाले लोगों के लिए अलर्ट जारी किया है। उन्होंने बताया कि बांध के कुल 33 दरवाजों में से 30 दरवाजों को रविवार को खोला गया जिससे विजयनगर सम्राज्य काल के दौरान निर्मित हंपी के कई ऐतिहासिक स्थल भी डूब गए हैं।

जल संसाधन विभाग के सूत्रों ने बताया कि भद्रावती, घाटप्रभा, मालाप्रभा, कृष्णा, कावेरी, काबिनी, हेमवती, सुपा और वराही नदियों के साथ-साथ उनकी सहायक नदियां भी उफान पर हैं।

उन्होंने बताया कि तटीय कर्नाटक की नदियों में भी बाढ़ की स्थिति है और इनपर बने बांध पहले ही पानी से लबालब भरे हुए हैं।

मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर पश्चिम बंगाल की खाडी और ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तट पर कम दबाव का क्षेत्र बना है जिससे बारिश की अनुकूल स्थिति पैदा हुई है।

मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में बताया, ‘‘ तटीय कर्नाटक के सभी जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश और छिटपुट स्थानों पर मूसलाधार बारिश का पूर्वानुमान है। दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के चिक्कमंगलुरु और कोडागु में भी मूसलाधार बारिश का पूर्वानुमान है।’’
विभाग ने बताया कि उत्तरी आतंरिक कर्नाटक के बीदर, कलबुर्गी, विजयपुरा, बेलगावी, यादगिर, बगलकोटे जिले और दक्षिण आतंरिक कर्नाटक के हासन और शिवमोगा जिलों के छिटपुट इलाकों में भी भारी बारिश का पूर्वानुमान है।’’
कर्नाटक आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केडीएमए) के आयुक्त मनोज रंजन ने बताया कि बाढ़ और भूस्खलन के संभावित खतरे वाले गांवों की पहचान कर ली गई है और उनमें नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं। उन्होंने बताया कि संभावित खतरे का सामना कर रहे 1800 ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत स्तर की आपदा प्रबंधन योजना बनाई गई है।

रंजन ने बताया कि जिला आपात परिचालन केंद्रों और तालुक आपात परिचालन केंद्रों को सभी जिलों में सक्रिय कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की चार टीमें दक्षिण कन्नड, कोडागु, बेलगावी और रायचूर जिलों में तैनात की गई है जबकि राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की छह टीमों को भी उडुपी, उत्तर कन्नड, दक्षिण कन्नड और बेलगावी में तैनात किया गया है।

रंजन ने बताया कि जिलों में राहत कार्य करने के लिए 650 करोड़ रुपये उपायुक्त के आपदा खाते में भेजे गए हैं।



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PTI News Agency

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