कर्नाटक सरकार ने कांग्रेस की पदयात्रा के मद्देनजर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई
Wednesday, Jan 12, 2022 - 10:52 PM (IST)
बेंगलुरु, 12 जनवरी (भाषा) कांग्रेस की पदयात्रा में कर्नाटक के विभिन्न जिलों से लोगों के लामबंद होने को रोकने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने बुधवार को एक जिले से दूसरे जिले में और रामनगर जिले के अंदर वाहनों की आवाजाही पर तथा लोगों के इसमें भाग लेने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी।
मुख्य सचिव पी. रवि कुमार ने बताया कि उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों, राज्य के सभी पुलिस आयुक्तों को आदेश का सख्त अनुपालन करने का निर्देश जारी करते हुए परिवहन आयुक्त को भी इसे लागू करने तथा जिला प्रशासन को सहयोग करने के लिए पर्याप्त कदम उठाने को कहा गया है।
सरकारी आदेश में कहा गया है, ‘‘...मेकेदतु से बेंगलुरु तक, नामा नीरू नम्मा हक्कु पदयात्रा या समान उद्देश्य के लिए चाहे जिस किसी नाम से इसे पुकारा जाए, में भाग लेने से सभी अंतर-जिला (कर्नाटक के अंदर) और जिले के अंदर (रामनगर में) वाहनों एवं लोगों की आवाजाही तत्काली प्रभाव से निषिद्ध कर दी गई है तथा यह अगले सरकारी आदेश तक जारी रहेगा।’’
आदेश में कहा गया है कि चार और 11 जनवरी को जारी आदेश में धरना-प्रदर्शन पर 31 जनवरी तक पाबंदी लगाए जाने के बावजूद कुछ खास समूहों ने पदयात्रा में भाग लेने के लिए आदेश की अवज्ञा करते हुए विभिन्न जिलों से रामनगर जिले तक लोगों को लामबंद किया है।
आदेश में कहा गया है कि यह अवज्ञा बड़ी संख्या में लोगों की जान को जोखिम में डालेगी। इसमें कहा गया है कि पदयात्रा से राज्य में कोविड की पहले से खराब स्थिति और भी खराब हो जाएगी।
कावेरी नदी पर मेकेदतु परियोजना लागू करने की मांग को लेकर कांग्रेस द्वारा 10 दिनों तक निकाली जा रही पदयात्रा के चौथे दिन बुधवार को कोविड प्रोटोकॉल उल्लंघन के मामले में डी. के. शिवकुमार सहित पार्टी के 64 नेताओं के खिलाफ तीसरी प्राथमिकी दर्ज की गई।
पदयात्रा नौ जनवरी को शुरू हुई थी और इसने करीब 139 किमी की दूरी तय की है। इसके 19 जनवरी को बेंगलुरु के बसवनगुडी में संपन्न होने का कार्यक्रम है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
मुख्य सचिव पी. रवि कुमार ने बताया कि उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों, राज्य के सभी पुलिस आयुक्तों को आदेश का सख्त अनुपालन करने का निर्देश जारी करते हुए परिवहन आयुक्त को भी इसे लागू करने तथा जिला प्रशासन को सहयोग करने के लिए पर्याप्त कदम उठाने को कहा गया है।
सरकारी आदेश में कहा गया है, ‘‘...मेकेदतु से बेंगलुरु तक, नामा नीरू नम्मा हक्कु पदयात्रा या समान उद्देश्य के लिए चाहे जिस किसी नाम से इसे पुकारा जाए, में भाग लेने से सभी अंतर-जिला (कर्नाटक के अंदर) और जिले के अंदर (रामनगर में) वाहनों एवं लोगों की आवाजाही तत्काली प्रभाव से निषिद्ध कर दी गई है तथा यह अगले सरकारी आदेश तक जारी रहेगा।’’
आदेश में कहा गया है कि चार और 11 जनवरी को जारी आदेश में धरना-प्रदर्शन पर 31 जनवरी तक पाबंदी लगाए जाने के बावजूद कुछ खास समूहों ने पदयात्रा में भाग लेने के लिए आदेश की अवज्ञा करते हुए विभिन्न जिलों से रामनगर जिले तक लोगों को लामबंद किया है।
आदेश में कहा गया है कि यह अवज्ञा बड़ी संख्या में लोगों की जान को जोखिम में डालेगी। इसमें कहा गया है कि पदयात्रा से राज्य में कोविड की पहले से खराब स्थिति और भी खराब हो जाएगी।
कावेरी नदी पर मेकेदतु परियोजना लागू करने की मांग को लेकर कांग्रेस द्वारा 10 दिनों तक निकाली जा रही पदयात्रा के चौथे दिन बुधवार को कोविड प्रोटोकॉल उल्लंघन के मामले में डी. के. शिवकुमार सहित पार्टी के 64 नेताओं के खिलाफ तीसरी प्राथमिकी दर्ज की गई।
पदयात्रा नौ जनवरी को शुरू हुई थी और इसने करीब 139 किमी की दूरी तय की है। इसके 19 जनवरी को बेंगलुरु के बसवनगुडी में संपन्न होने का कार्यक्रम है।
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