दादाभाई नौरोजी की जीवनी सम्मानित
punjabkesari.in Wednesday, Dec 01, 2021 - 01:30 PM (IST)

बेंगलुरु, एक दिसंबर (भाषा) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संस्थापकों में से एक दादाभाई नौरोजी की दिनयार पटेल द्वारा लिखी गयी जीवनी को बुधवार को ‘कमलादेवी चट्टोपाध्याय एनआईएफ पुस्तक पुरस्कार’ 2021 के लिए चुना गया।
आयोजक ‘न्यू इंडिया फाउंडेशन’ (एनआईएफ) ने बताया कि ‘नौरोजी: पायनियर ऑफ इंडियन नेशनलिज्म'' को अंतिम छह किताबों में से चुना गया।
राजनीतिक विशेषज्ञ नीरजा गोपाल जयल की अध्यक्षता वाले निर्णायक मंडल द्वारा इस पुस्तक का चयन किया गया। निर्णायक मंडल में उद्यमी नंदन नीलेकणी, मनीष सभरवाल और इतिहासकार श्रीनाथ राघवन तथा नयनजोत लाहिड़ी भी शामिल थे।
निर्णायक मंडल ने प्रशस्ति पत्र में कहा कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस की ‘नौरोजी: पायनियर ऑफ इंडियन नेशनलिज्म’, भारत के राष्ट्रवादियों में से एक की अनुकरणीय जीवनी है जिसे एक होनहार विद्वान द्वारा बड़ी स्पष्टता तथा विस्तार से लिखा गया है। इसमें दिनयार पटेल ने दादाभाई नौरोजी के जीवन एवं उनकी विरासत को बयां किया और स्वतंत्रता के लिए भारत के आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को भी दुनिया के सामने रखा।
एनआईएफ पुस्तक पुरस्कार की शुरुआत 2018 में हुई थी। यह पुरस्कार एक वर्ष पहले प्रकाशित किताबों का आकलन के करने के बाद दिया जाता है। विजेता को प्रशस्ति पत्र और 15 लाख रुपये नकद दिए जाते हैं।
पटेल को चार दिसंबर को आयोजित होने वाले एक समारोह में यह पुरस्कार दिया जाएगा।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
आयोजक ‘न्यू इंडिया फाउंडेशन’ (एनआईएफ) ने बताया कि ‘नौरोजी: पायनियर ऑफ इंडियन नेशनलिज्म'' को अंतिम छह किताबों में से चुना गया।
राजनीतिक विशेषज्ञ नीरजा गोपाल जयल की अध्यक्षता वाले निर्णायक मंडल द्वारा इस पुस्तक का चयन किया गया। निर्णायक मंडल में उद्यमी नंदन नीलेकणी, मनीष सभरवाल और इतिहासकार श्रीनाथ राघवन तथा नयनजोत लाहिड़ी भी शामिल थे।
निर्णायक मंडल ने प्रशस्ति पत्र में कहा कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस की ‘नौरोजी: पायनियर ऑफ इंडियन नेशनलिज्म’, भारत के राष्ट्रवादियों में से एक की अनुकरणीय जीवनी है जिसे एक होनहार विद्वान द्वारा बड़ी स्पष्टता तथा विस्तार से लिखा गया है। इसमें दिनयार पटेल ने दादाभाई नौरोजी के जीवन एवं उनकी विरासत को बयां किया और स्वतंत्रता के लिए भारत के आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को भी दुनिया के सामने रखा।
एनआईएफ पुस्तक पुरस्कार की शुरुआत 2018 में हुई थी। यह पुरस्कार एक वर्ष पहले प्रकाशित किताबों का आकलन के करने के बाद दिया जाता है। विजेता को प्रशस्ति पत्र और 15 लाख रुपये नकद दिए जाते हैं।
पटेल को चार दिसंबर को आयोजित होने वाले एक समारोह में यह पुरस्कार दिया जाएगा।
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