स्वास्थ्य अवसंरचना, खाद्य, कृषि जैव प्रौद्योगिकी और चिकित्सा को मिले विशेष क्षेत्र का दर्जा: मुखर्जी

punjabkesari.in Saturday, Nov 20, 2021 - 02:33 PM (IST)

बेंगलुरु, 18 नवंबर (भाषा) पुलित्जर पुरस्कार (2011) विजेता डॉ सिद्धार्थ मुखर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा कि स्वास्थ्य अवसंरचना, खाद्य, कृषि जैव प्रौद्योगिकी और चिकित्सा विज्ञान को विशेष क्षेत्र का दर्जा मिलना चाहिए। प्रसिद्ध पुस्तक ‘द एम्पेरर ऑफ मैलाडीज: ए बायोग्राफी ऑफ कैंसर’ के लेखक ने बेंगलुरु टेक सम्मेलन-2021 एक सत्र में कहा, “स्वास्थ्य क्षेत्र के साथ वैसा ही बर्ताव होना चाहिए जैसा राष्ट्र निर्माण के क्षेत्रों के साथ होता है।
भारत को स्वास्थ्य क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका की तर्ज पर एक आयोग का गठन करना चाहिए और छह से आठ महीनों में सुझाव लेने चाहिए। सरकार इस काम में तेजी लाने के लिए जमीन के साथ कर में छूट दे सकती है।”
प्रख्यात भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टर मुखर्जी ने कहा कि भारत ने कंप्यूटर विज्ञान और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तेजी से महारत हासिल की है लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोग कैंसर के उपचार का अधिक खर्च वहन नहीं कर सकते जबकि इससे पीड़ित होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
कैंसर विशेषज्ञ ने कहा, “हर भारतीय परिवार के लिए कैंसर उपचार कराने के लिए इंग्लैंड , अमेरिका या जर्मनी जाना संभव नहीं है और इसलिए निवेशकों को अपना नजरिया बदलने की जरूरत है।”
मुखर्जी ने कहा कि प्रौद्योगिकी को किफायती और उपयोग करने में सरल बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण कोई मजाक नहीं है, राष्ट्र की प्रगति नई खोज और अनुसंधान करने से होती है।

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PTI News Agency

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