कांग्रेस सदस्यों का पार्टी विधायक के निलंबन के खिलाफ कर्नाटक विधानसभा में हंगामा, कार्यवाही बाधित
punjabkesari.in Friday, Mar 05, 2021 - 08:00 PM (IST)
बेंगलुरु, पांच मार्च (भाषा) कर्नाटक विधानसभा में विपक्षी कांग्रेस के विधायकों ने ‘‘अशोभनीय’’ आचरण के लिए उनके एक सहयोगी को सदन से निलंबित किये जाने का शुक्रवार को विरोध किया। कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई।
कांग्रेस के सदस्यों ने पार्टी विधायक के निलंबन को वापस लेने की मांग की।
कांग्रेस विधायक बी के संगमेश को सदन में अपनी कमीज उतारने के लिए 12 मार्च तक विधानसभा से बृहस्पतिवार को निलंबित कर दिया गया था।
कर्नाटक विधानसभा में बृहस्पतिवार को कांग्रेस विधायकों ने ''एक राष्ट्र, एक चुनाव'' विषय पर विशेष चर्चा कराने के विधानसभा अध्यक्ष वी एच कागेड़ी के फैसले का विरोध किया था।
कांग्रेस विधायकों ने ''एक राष्ट्र, एक चुनाव'' को ''''आरएसएस का एजेंडा'''' बताते हुए स्पष्ट किया था कि वे इस विषय पर चर्चा नहीं होने देंगे।
सदन में शुक्रवार को कांग्रेस विधायकों ने संगमेश के निलंबन को वापस लेने की मांग की और वे अध्यक्ष के आसन के निकट आ गये।
नेता प्रतिपक्ष सिद्धरमैया ने विधानसभा अध्यक्ष से संगमेश के निलंबन को वापस लेने का आग्रह किया। संगमेश का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के लिए उन्हें निलंबित करने का निर्णय सही नहीं है, और उन्होंने मांग की कि अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए अध्यक्ष को निलंबन रद्द करना चाहिए।
सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्यों ने पलटवार करते हुए अशोभनीय आचरण का बचाव करने के लिए कांग्रेस और सिद्धरमैया की निंदा की।
कानून और संसदीय कार्य मंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा, अध्यक्ष ने संगमेश को सूचित किया था कि झूठे मामलों के बारे में उनके नोटिस को सुना जाएगा, लेकिन इसके बावजूद ''एक राष्ट्र, एक चुनाव'' पर विपक्ष के विरोध के दौरान उन्होंने कमीज उतारकर अनुचित व्यवहार किया।
सिद्धरमैया ने कहा कि ''एक राष्ट्र, एक चुनाव'' आरएसएस का एजेंडा है और यहां इस पर चर्चा नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘हम यह नहीं होने देंगे।’’
इसके बाद अध्यक्ष ने कुछ समय के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया। सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर कांग्रेस सदस्यों का हंगामा जारी रहा और अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर के भोजन तक के लिए स्थगित कर दी। कार्यवाही फिर से शुरू होने के बाद भी हंगामा जारी रहा, जिसके चलते विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित कर दी।
बजट सत्र की शुरुआत में चार और पांच मार्च को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर चर्चा प्रस्तावित थी।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
कांग्रेस के सदस्यों ने पार्टी विधायक के निलंबन को वापस लेने की मांग की।
कांग्रेस विधायक बी के संगमेश को सदन में अपनी कमीज उतारने के लिए 12 मार्च तक विधानसभा से बृहस्पतिवार को निलंबित कर दिया गया था।
कर्नाटक विधानसभा में बृहस्पतिवार को कांग्रेस विधायकों ने ''एक राष्ट्र, एक चुनाव'' विषय पर विशेष चर्चा कराने के विधानसभा अध्यक्ष वी एच कागेड़ी के फैसले का विरोध किया था।
कांग्रेस विधायकों ने ''एक राष्ट्र, एक चुनाव'' को ''''आरएसएस का एजेंडा'''' बताते हुए स्पष्ट किया था कि वे इस विषय पर चर्चा नहीं होने देंगे।
सदन में शुक्रवार को कांग्रेस विधायकों ने संगमेश के निलंबन को वापस लेने की मांग की और वे अध्यक्ष के आसन के निकट आ गये।
नेता प्रतिपक्ष सिद्धरमैया ने विधानसभा अध्यक्ष से संगमेश के निलंबन को वापस लेने का आग्रह किया। संगमेश का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के लिए उन्हें निलंबित करने का निर्णय सही नहीं है, और उन्होंने मांग की कि अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए अध्यक्ष को निलंबन रद्द करना चाहिए।
सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्यों ने पलटवार करते हुए अशोभनीय आचरण का बचाव करने के लिए कांग्रेस और सिद्धरमैया की निंदा की।
कानून और संसदीय कार्य मंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा, अध्यक्ष ने संगमेश को सूचित किया था कि झूठे मामलों के बारे में उनके नोटिस को सुना जाएगा, लेकिन इसके बावजूद ''एक राष्ट्र, एक चुनाव'' पर विपक्ष के विरोध के दौरान उन्होंने कमीज उतारकर अनुचित व्यवहार किया।
सिद्धरमैया ने कहा कि ''एक राष्ट्र, एक चुनाव'' आरएसएस का एजेंडा है और यहां इस पर चर्चा नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘हम यह नहीं होने देंगे।’’
इसके बाद अध्यक्ष ने कुछ समय के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया। सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर कांग्रेस सदस्यों का हंगामा जारी रहा और अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर के भोजन तक के लिए स्थगित कर दी। कार्यवाही फिर से शुरू होने के बाद भी हंगामा जारी रहा, जिसके चलते विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित कर दी।
बजट सत्र की शुरुआत में चार और पांच मार्च को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर चर्चा प्रस्तावित थी।
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