चार वैज्ञानिकों को आईआईएससी के प्रतिष्ठित पूर्व छात्र सम्मान के लिए चुना गया

Saturday, Oct 24, 2020 - 05:39 PM (IST)

बेंगलुरु, 24 अक्टूबर (भाषा) वायुसेना में शामिल स्वदेशी हवाई चेतावनी एवं नियंत्रण प्रणाली (एक तरह आधुनिक रडार) विकसित करने में योगदान देनी वाली डॉ.राजलक्ष्मी मेनन उन चार वैज्ञानिकों और इंजीनियरों में शामिल हैं जिन्हें आईआईएससी ने इस वर्ष के प्रतिष्ठित पूर्व छात्र/छात्रा पुरस्कार से सम्मानित करने का फैसला किया है।

विज्ञप्ति के मुताबिक यह वार्षिक सम्मान भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) अपने पेशे, समाज और संस्थान में उल्लेखनीय योगदान देने वाले पूर्व छात्र/छात्रा को देता है।

बयान के मुताबिक इस सम्मान के लिए आए नामांकनों का मूल्यांकन संस्थान के निदेशक द्वारा नियुक्त समिति ने किया।
डॉ.राजलक्ष्मी के अलावा इस सम्मान से प्रोफेसर बीएस मूर्ति, प्रोफेसर सेतुरमन पंचनाथन और डॉ.केशव पांडा को भी सम्मानित किया जाएगा।
संस्थान के निदेशक प्रोफेसर गोविंदन रंगराजन ने कहा, ‘‘ पुरस्कार प्राप्त करने वाले अति प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं और उन्होंने अपने क्षेत्र और समाज में अभूतपूर्व योगदान दिया है...हम उन्हें यह सम्मान उनकी उपलब्धियों को मान्यता देने के लिए दे रहे हैं।’’

राजलक्ष्मी मेनन इस समय रक्षा अनुंसधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के इंटेलीजेंस, सर्विलांस, टार्गेटिंग एंड रीकानिसन्स (आईएसटीआर) कार्यक्रम की कार्यक्रम निदशक हैं।
उन्होंने आईआईएसी से इंजीनियरिंग में परास्नातक और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी क्रमश: वर्ष 1994 और 2002 में किया था।
वहीं, प्रोफेसर बीएस मूर्ति इस समय भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान हैदराबाद के निदेशक हैं। उन्होंने मिश्र धातु के क्षेत्र में अहम योगदान दिया है।
प्रोफेसर सेतुरमन पंचनाथन मौजूदा समय में अमेरिका स्थित नेशनल साइंस फांउडेशन के निदेशक हैं और मानव केंद्रित कंप्यूटशन में शोध में अहम योगदान दिया है।

डॉ.केशव पांडा मौजूदा समय में एल ऐंड टी टेक्नोलॉजी सर्विस लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक हैं। इंजीनियरिंग के क्षेत्र में इनका अहम योगदान है।


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PTI News Agency

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