धरना दे रहे किसानों को मिली संजीवनी, आंदोलन ने पकड़ी रफ्तार

Saturday, Aug 01, 2015 - 11:33 PM (IST)

कैथल/पाई : बीते 13 दिनों से तितरम मोड पर धरना दे रहे किसानों को आज राजनीतिक ताकत मिली। हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय चौटाला, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. अशोक तंवर, इनैलो प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा, राज्यसभा सांसद रामकुमार कश्यप, सिरसा के एम.पी. चरणजीत सिंह रोड़ी तथा विभिन्न दलों के कई विधायक धरना स्थल पर पहुंचे और सभी ने किसानों को उनकी भूमि एन.एच. 65 के लिए अधिगृहीत किए जाने पर मार्कीट रेट से 4 गुणा मुआवजा दिए जाने की मांग का समर्थन किया जिससे किसानों के आंदोलन को आज नई रफ्तार मिली और वे काफी खुश भी नजर आए। 
 
किसानों ने आज भी क्रमिक अनशन रखा और सरकार के ढुलमुल रवैये पर अपना रोष जताया। सुबह ही धरनास्थल पर लोग जमा होना शुरू हो गए थे। विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला धरने व अनशन पर बैठे किसानों के समर्थन में उतरे और 2 घंटे तक उनके अनशन का हिस्सा बने। 
 
उन्होंने कहा कि खेतिहर मजदूरों और किसानों तथा महिलाओं का इस तरह से सड़क पर बैठना वर्तमान सरकार की किरकिरी है और इससे भाजपा सरकार के उन दावों की पोल भी खुल गई है। उन्होंने कहा कि एक तो मुआवजा बढ़े दूसरे जिस किसान भूमि अधिगृहीत हो गई है उस भूमिहीन किसान के परिवार में एक सरकारी नौकरी भी दी जानी चाहिए। 
 
जिस तरह से जमीनों का औने-पौने भाव में किया जा रहा अधिग्रहण एक तो किसानों की जोत को कम कर रहा है दूसरा किसान बेरोजगारी की कगार पर खड़ा है। ऐसी स्थिति में किसान यदि दुखी होकर आत्महत्या जैसे कदम को उठाते हैं तो उसका मजाक बनाते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन जैसे नेता इन आत्महत्याओं को किसानों के प्रेम प्रसंगों से जोड़कर दुखी किसान परिवारों के साथ भद्दा मजाक कर रहे हैं। 
 
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डा. अशोक तंवर ने धरनास्थल पर किसानों को आश्वस्त किया कि पूरी पार्टी उनके साथ है। भाजपा सरकार किसानों से ज्यादती कर रही है। यू.पी.ए. व तत्कालीन हरियाणा की कांग्रेस सरकारों ने किसानों के हितों के लिए जो नीतियां बनाई उनके बारे में भाजपा सरकार ने भ्रामक प्रचार करने का प्रयास किया लेकिन प्रदेश की जनता सब समझती है। मार्कीट रेट का मुआवजा मांगना यहां के किसानों का हक है। तंवर के साथ बॉबी मान व देवी राम कसान सहित कई कांग्रेसी नेता थे।
 
प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने भी वर्तमान सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि चुनाव से पूर्व किसानों के कल्याण के बड़े-बड़े दावे कर सत्ता में आते ही स्वामीनाथन आयोग को लागू करने और भी कई योजनाएं बनाने वाले यह सरकार के लोग आज सत्ता सुख मिलने के बाद किसानों को मानो भूल ही गए हैं। इन्हें कृषकों की मांग मिथ्या दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि इनैलो हमेशा से किसानों की पक्षधर रही है। चौ. देवीलाल हो या फिर चौ. ओमप्रकाश चौटाला सभी ने किसानों के लिए लड़ाई लड़ी है। 
 
पूर्व मुख्य संसदीय सचिव एवं इनैलो नेता रामपाल माजरा जो पिछले कई दिनों से धरने पर बैठे किसानों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं ने कहा कि भूमि अधिग्रहण की मुआवजे को 4 गुणा बढ़ाकर सरकार को देना ही होगा। इनैलो इन किसानों के साथ है तथा उन्हें इस संदर्भ में जो दायित्व धरना आयोजक सौंपेंगे वह उसके लिए शत-प्रतिशत उनके साथ खड़े रहेंगे। उन्होंने कहा कि यह अफसोस की बात है कि किसान व उनके परिवार अपने घर को छोड़कर दिनचर्या को छोड़कर सड़कों पर बैठे हैं और कठोर हृदय सरकार है जिसका मन देश को खाद्यान्न देने वाले इन किसानों के लिए जरा भी नहीं पसीज रहा है। 
 
धरना स्थल से पुलिस स्टेशन तितरम 10 गज की दूरी पर है लेकिन ट्रैफिक पुलिस का एक भी कर्मचारी मौके पर नहीं रहा। जिस कारण आज दोपहर तक यातायात में भारी दिक्कतें आईं। स्थिति बिगड़ती देख स्वयं किसान आगे आए और उन्होंने ही यातायात को सुचारू रूप से चलाया। 
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