सावन: शिव पूजा में न करें इन चीजों का प्रयोग

Sunday, Jul 24, 2016 - 08:29 AM (IST)

भगवान शिव अपने भक्तों पर जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं इसलिए इन्हें भोलेनाथ कहा जाता है। भगवान शिव ही आदि अौर अनंत हैं जो पूरे ब्रह्मांड के कण-कण में विद्यमान हैं। सावन के महीने में शिव पूजा का विशेष महत्व है। शिव पूजन के समय प्रयोग की जाने वाली साम्रगी अन्य देवों को अर्पित नहीं करते जैसे- आक, बिल्वपत्र, भांग आदि। आईए जानें शिवलिंग पर कौन सी चीजें अर्पित करनी वर्जित हैं।

 

* हम खाने में अौर अन्य धार्मिक कार्यों के लिए हल्दी का प्रयोग करते हैं लेकिन शिवपूजा के समय इसका उपयोग नहीं किया जाता। जबकि शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पुरुषत्व का सूचक है इसलिए उन पर हल्दी का अर्पण वर्जित है।

 

* भोलेनाथ को कनेर और कमल के पुष्प प्रिय लगते हैं। उन्हें लाल रंग के फूल प्रिय नहीं लगते, इसके अतिरिक्त शिवलिंग पर केतकी एवं केवड़े के पुष्प अर्पित नहीं किए जाते।

 

* भगवान शिव पर कुमकुम और रोली का अर्पण भी निषेध है। 


* भगवान शंकर ने शंखचूर नामक दैत्य का वध किया था, जिसके कारण उनकी पूजा में शंख की मनाही है।

 

* हिंदू धर्म में जब भी कोई शुभ काम किया जाता है तो उसमें नारियल का प्रयोग किया जाता है अौर प्रसाद स्वरुप बांटा भी जाता है। नारियल को देवी लक्ष्मी का स्वरुप भी माना जाता है। भोलेनाथ पर नारियल अर्पित करना वर्जित है। इसके जल द्वारा शिवलिंग का अभिषेक भी नहीं किया जाता है। नारियल को शिवलिंग पर अर्पित करने के बाद इसका पानी ग्रहण योग्य नहीं रहता।

 

* शिवलिंग पर और शिवपूजन में तुलसी पत्ते का प्रयोग भी निषेध है। एक कथा के अनुसार वृंदा का छल से पतिव्रत भंग करके भोलेनाथ ने उसके पति दैत्यों के राजा जालंधर का वध कर दिया था। जिसके कारण वृंदा तुलसी का पौधा बन गई थी अौर 

श‌िव की पूजा में इस पत्ते को चढ़ाने की मनाही है।

 

भगवान शिव को अर्पित करें यह सामान

जल, दूध, दही, शहद, घी, चीनी, ईत्र, चंदन, केसर, भांग इन सभी चीजों का मिश्रण या इन्हें अलग-अलग भी शिवलिंग पर अर्पित किया जा सकता है। शिवपुराण के अनुसार इन सभी चीजों के अर्पण से मनुष्य की सारी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और वो भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करता है।

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