ज्योतिष की राय: सबसे ताकतवर रंग लाल, दे सकता है तन और मन को सौगात

punjabkesari.in Tuesday, Jun 28, 2016 - 03:15 PM (IST)

नाना प्रकार के रंगों का भी मनुष्य के जीवन पर प्रभाव पड़ता है। रंग मनुष्य के स्वास्थ्य पर अपना प्रभाव डालते हैं। यह बात विज्ञान द्वारा प्रमाणित है। रंगों में जो रासायनिक पदार्थ होते हैं वे प्रत्येक जीव के शरीर में रहते हैं। उनका प्रभाव प्रत्येक जीव की रक्त संचालन व्यवस्था पर पड़ता है। रंगों के अभाव में मनुष्य के शरीर में नाना प्रकार के दोष उत्पन्न हो जाते हैं।

 

सूर्य का प्रकाश श्वेत होता है और उसमें ऊष्मा होती है। अगर लगातार 10-12 दिन सूर्य बादलों में ढका रहे तो मनुष्य के शरीर में आलस्य उत्पन्न हो जाता है। चेहरा निस्तेज पड़ जाता है। मन उखड़ा-उखड़ा-सा रहता है। वैसे भी संसार के सभी धर्मों, समाजों में सूर्य को जीवन का देवता माना गया है। सूर्य के बिना जीवन की तो कल्पना ही नहीं की जा सकती। आकाश जब लगातार 5-7 दिन बादलों से ढका रहता है तो नाना प्रकार की बीमारियां फैल जाती हैं।

 

पानी की सतह पर सूर्य किरणें न पडऩे के कारण नाना प्रकार के मच्छर, कीटाणु आदि उत्पन्न हो जाते हैं। सूर्य की किरणों का हमारे स्वास्थ्य से सीधा संबंध है। सूर्य की श्वेत किरणें लाभदायक होती हैं। सूर्य की किरणें क्षय रोग और दांतों के कीटाणु नष्ट करती हैं। पायरिया का रोगी प्रतिदिन मुंह खोलकर सूर्य की किरणें अपने दातों पर पडऩे दे तो यह रोग दूर हो सकता है। 

 

आकाश के प्रत्येक ग्रह का अपना रंग है। इनके इस रंग का मनुष्य के शरीर पर प्रभाव पड़ता है। पृथ्वी का रंग हरा, चंद्रमा का उज्ज्वल बैंगनी, शनि का आसमानी, शुक्र का नीला, बृहस्पति का पीला, बुध का गहरा पीला कुछ हरापन लिए हुए और मंगल का लाल रंग है। 

 

साहस एवं उत्तेजना का परिचायक है ‘लाल’ रंग

इस रंग को चाहने वाले व्यक्ति सच्चे मर्द होते हैं। बिल्कुल निडर, मुंह पर बात कहने वाले तथा खतरों से खेलने वाले होते हैं। मुसीबतों में हंसना जानते हैं। वे ढीठ बनकर रीति-रिवाजों को तोड़ते हैं तथा अपना मतलब निकाल लेते हैं। वे कुछ ऐसा करना पसंद करते हैं, जिससे लोग चौंक जाएं। बचपन में लोग इन्हें मुंहफट कहते हैं। सामान्यत: जीवन में कुछ-कुछ आवारापन रहता है, जैसा ऊपरी तौर पर वे बेपरवाह-से लगते हैं। मुसीबतों के सामने डटकर खड़े होना उनका गुण है, किंतु एकाग्रता की कमी होती है। चंचलता के कारण वे ध्यान में भी थिरकते रहते हैं तथा अधीरता प्रदर्शित करते हैं। किसी भी कार्य को न कर सकने पर उस काम को एक ओर फैंक देंगे तथा जल्दी ही ऊब भी जाते हैं। 

 

लाल रंग ऊर्जा शक्ति और स्फूर्ति  तथा महत्वाकांक्षा का प्रतीक है। अग्रि तत्व का प्रतिनिधि यह रंग भारतीय नारी के सुहाग जोड़े को, संन्यासियों के भगवा वस्त्र को, क्रांति के लाल निशान को और होली के गुलाल को अभिव्यक्त करता है। यह रंग अनुकूल परिणाम, सफलता, संघर्षों से जूझना और खतरों से खेलने में अदम्य साहस प्रदान करता है। 

 

नारी के जीवन में यह रंग सबसे महत्वपूर्ण स्थान रखता है। माथे की बिंदिया हो या मांग का सिंदूर, हाथों की चूडियां हों या पांव का आलता, विवाह का घरचोला हो या करवाचौथ की साड़ी या फिर प्रेमिका को भेंट किया गया लाल गुलाब। हर पल लाल रंग प्रकृति की सृजन शक्ति नारी को अपने रंग में रंगे रखता है।

 

पश्चिमी भारत के राजस्थान और गुजरात राज्यों के जन-जीवन में इस रंग का विशेष महत्व है। व्यापारिक प्रतिष्ठानों और दुकानों पर लाल रंग को ही प्रमुखता दी जाती है। बौद्ध लामाओं और संन्यासियों के त्याग को प्रतिबिंबित करता हुआ यह रंग षटचक्रों में नाभि के निकट स्थित मणिपुर चक्र का पर्याय माना गया है और मांसपेशियों तथा ज्ञानेद्रियों पर इसका विशेष प्रभाव है।

 

सभी रंगों में लाल सबसे ताकतवर रंग है। लाल रंग मंगल ग्रह का रंग है। मंगल साहस और पराक्रम का ग्रह है। अत: स्पष्ट है कि मंगल की भांति ही इस रंग के प्रभाव भी हैं। यह रंग हमेशा सजीव रहता है। यह रंग शक्तिशाली स्वभाव का है एवं उत्तेजना व क्रोध का प्रतिनिधि है। जिन लोगों को लाल रंग पसंद है, वे बहुत ही साहसी होते हैं और उनके साहस का प्रमाण भी हमें मिलता है। कुछ विद्वान इस रंग को आग का रंग मानते हैं, जो क्रोध का प्रतीक है। परंतु यह आवश्यक नहीं कि सभी लोगों पर क्रोध अपना प्रभाव जमा ले। लाल सभी रंगों में सबसे प्रभावशाली रंग है।

 

लाल रंग प्यार, रोमांच व साहस को दर्शाता है। यह लोगों के शारीरिक व मानसिक स्तर को प्रभावित करता है। यदि शरीर में लाल रंग का प्रभाव स्तर अधिक हो तो व्यक्ति निडर, क्रोधी व कुछ चिड़चिड़ा-सा हो जाता है। ऐसे व्यक्ति कोई भी दुष्कर कार्य करने से नहीं डरते। 

 

सभी अभिनेता और अभिनेताओं से प्रेरित लोग भी लाल रंग से प्रभावित होते हैं। खिलाड़ी भी लाल रंग से प्रभावित होते हैं। लाल रंग से प्रभावित लोग काम करने में विश्वास करते हैं, इन्हें कब क्रोध आ जाए, कहा नहीं जा सकता। लाल रंग की ताकत मनुष्य को सोचने की शक्ति प्रदान करती है जो कोई और रंग नहीं कर सकता। लाल रंग पथ-प्रदर्शक का काम भी करता है। 

 

ख्याति प्राप्त चिकित्सक श्रीमती एलिस होबार्ड को होम्योपैथी, रेडियोनिक्स तथा कलर थैरेपी का विशेषज्ञ माना जाता है। उनका कहना है कि रोगोपचार में विभिन्न रंग महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लाल रंग की मुख्य विशेषता यह है कि वह स्नायु और रक्त की क्रियाशीलता को बढ़ाता है। एड्रीनल ग्रंथि एवं संवेदी तंत्रिकाओं को उत्तेजित करने का काम तो लाल रंग का होता ही है। शरीर में प्राण-शक्ति की भरपूर मात्रा बनाए रखने की जिम्मेदारी भी उसी की है। चिकित्सा में इस रंग का उपयोग बहुत ही सावधानीपूर्वक करना चाहिए। अत्यधिक उत्तेजक होने के कारण यह भावनात्मक व्यतिरेक भी उत्पन्न कर सकता है। अत: इसे पृथक रूप से प्रयुक्त न करके हमेशा हरे और नीले रंग के साथ संयुक्त रूप से प्रयोग करने को अधिक लाभप्रद समझा गया है। 


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