भगवान श‌िव के प्रिय अंक से आबाद हो सकती है आपकी वीरान जिंदगी

Thursday, Jul 28, 2016 - 11:44 AM (IST)

आमतौर पर लोग तीन अंक को अशुभ मानते हैं लेकिन अंकशास्त्रियों के अनुसार यह अंक बहुत शुभ होता है। तीन अंक के स्वामी ग्रह देवगुरू बृहस्पति हैं और देवता भगवान श्री हरि व‌िष्णु हैं। भगवान शिव को तीन अंक बहुत प्रिय हैं, वह इसे  मंगलसूचक मानते हैं। तभी तो इनके पूजन में तीन अंक को बड़ा महत्व दिया जाता है।

भगवान श‌िव के प्रिय अंक से आबाद हो सकती है आपकी वीरान जिंदगी
 
* भगवान शिव को ठंडी चीजें बहुत भाती हैं इसलिए उन पर ठंडे पदर्थों को अर्पित किया जाता है। बेल के पत्तों की तासीर ठंडी होती है इसलिए शिव जी को बेलपत्र भी चढ़ाया जाता है। त्र‌िदेव और त्र‌िलोक के प्रतीक हैं तीन पत्तों वाले बेलपत्र इन्हें अत्यधिक शुभ माना जाता है।
 
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* शास्‍त्रों के अनुसार पूरे द‌िन को चार पहर में विभाजित किया जाता है। भगवान श‌िव को तीसरा पहर अत्यधिक प्रिय है। इस समय को प्रदोष काल कहा जाता है। अपनी वीरान जिंदगी को आबाद करने के लिए भगवान श‌िव के निमित्त कोई भी उपाय, अनुष्ठान और पूजन करने के लिए यह सर्वोत्तम समय है। 
 
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* शिव और शक्ति एक-दूसरे के पर्याय हैं। शिव के तीनों नेत्र शिवा के ही प्रतीक हैं जो क्रमश: गौरी के रूप में जीव को मातृत्व व स्नेह देते हैं, लक्ष्मी के रूप में उसका पोषण करते हैं तथा काली के रूप में उसकी आंतरिक तथा बाहरी बुराइयों का नाश करते हैं। शिव के ललाट पर सुशोभित तीसरा नेत्र असल में मुक्ति का द्वार है।
 
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* शिव के हाथ में त्रिशूल उनकी तीन मूल भूत शक्तियों इच्छाशक्ति, क्रिया शक्ति और ज्ञान का प्रतीक है। इसी त्रिशूल से शिव प्राणी मात्र के दैहिक, दैविक एवं भौतिक तीनों प्रकार के शूलों का शमन करते हैं। इसी त्रिशूल से वह सत्व, रज और तम तीन गुणों तथा उनके कार्यरूप स्थूल, सूक्ष्म और कारण नामक देहत्रय का विनाश करते हैं। श‌िवलिंग पर त्र‌िशूल अर्पित करने से शत्रु बाधा का नाश और अनजाना भय समाप्त होता है।
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