श्रीनगर में साप्ताहिक बाजार खुला, घाटी में जनजीवन प्रभावित
punjabkesari.in Sunday, Oct 20, 2019 - 07:12 PM (IST)
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त करने तथा राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले के कारण घाटी में रविवार को 77वें दिन जनजीवन प्रभावित रहा। वहीं श्रीनगर के रविवार बाजार में आज काफी बड़ी संख्या में विक्रेताओं ने अपने स्टॉल लगाए।
सुबह साढ़े छह बजे से दो और तीन घंटे के दौरान दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान में कामकाज हुआ। एहतियातन घाटी में रेल सेवा और भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) सहित सभी मोबाइल फोन कंपनियों की इंटरनेट सेवा तथा पोस्ट पेड सेवा फिर से स्थगित कर दिया गया है। हुरिर्यत कांफ्रेंस के मजबूत गढ़ ऐतिहासिक जमिया मस्जिद, हुरिर्यत कांफ्रेंस के उदारवादी धड़े अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारुक इस समय घर में नजरबंद है।
जामिया मस्जिद और उसके बाहरी इलाके में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए काफी संख्या में सुरक्षा बलों के जवान तैनात है। घाटी के किसी भी हिस्से में कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध नहीं है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 144 के तहत पाबंदियां लागू हैं और केंद्रीय अर्द्धसैनिकों बलों की अतिरिक्त टुकड़यिां तैनात किया गया हैं। कानून व्यवस्था के मद्देनजर पांच अगस्त से हाई अलर्ट के बाद सुरक्षबलों की तैनात की गई है। अधिकांश दुकानदारों ने श्रीनगर में आज सुबह छह बजे से अपनी सामान्य गतिविधियां फिर से शुरू कर दी और 0930 बजे दुकानदारों और व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद कर दिए और अपने घरों को चले गए।
शहर में सार्वजनिक परिवहन बंद रहे विशेषकर सिविल लाइंस और पुराने शहर की सड़कों पर निजी वाहन और तिपहिया वाहनों की भारी संख्या में देखे गए। राज्य परिवहन निगम (एसआरटी) की बसें भी सड़कों से नदारद रहीं। घाटी में कहीं और जनजीवन प्रभावित रहा किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया गया है। उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामूला, बांदीपोरा, पाट्टन, हंडवाड़ा तथा सोपोर में दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे और सड़कों से वाहन नदारद रहे।
दक्षिण कश्मिर में अनंतनाग, शोपियां, पुलवामा, पम्पोर तथा कुलगाम में भी जनजीवन प्रभावित होने की सूचना है और इन क्षेत्रों में भी कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों के अतिरिक्त जवानों को तैनात किया गया है। मध्य कश्मीर के बड़गाम तथा गंदरबल जिले में भी इसी तरह की स्थिति है।