कश्मीर में सीजफायर पर नहीं रुकी थीं हिंसक घटनाएं, अलगाववादी- पत्थरबाज हुए बेनकाब

punjabkesari.in Monday, Jun 18, 2018 - 10:21 AM (IST)

जम्मू : पवित्र रमजान माह में शांति बहाली के प्रयासों को बढ़ावा देते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 17 मई, 2018 को कश्मीर में एकतरफा संघर्ष विराम की घोषणा करते हुए आतंकवादी विरोधी अभियानों को रोक दिया। रमजान महीने में पाक प्रायोजित आतंकवादियों और पत्थरबाजों ने संघर्ष विराम की अनदेखी कर अपनी गतिविधियों को जारी रख शांति प्रयासों को विफल कर दिया।एकतरफा संघर्ष विराम के दौरान हुई हिमसक घटनाओं ने आतंकवादियों, अलगाववादियों और पत्थरबाजों को बेनकाब कर दिया है। ये लोग कश्मीर में अमन नहीं चाहते।

एकतरफा सीजफायर की विफलता ने राज्य में सक्रिय विभिन्न राजनीतिक दलों को भी निराश किया है जो उम्मीद लगाए बैठे थे कि राज्य में सियासी गतिविधियों को बढ़ाने का मौका मिलेगा।अब केंद्र ने एक माह बाद एकतरफा सीजफायर की घोषणा को वापस लेते हुए आतंकवादी उन्मूलन अभियानों को दोबारा शुरू करने की अनुमति दे दी है, जिससे सेना और सुरक्षा बलों के जवानों का मनोबल बढ़ेगा।

केंद्र की ओर से एकतरफा सीजफायर को वापस लिए जाने को लेकर राज्य के राजनीतिक दलों के नेताओं ने जो प्रतिक्रियाएं दी हैं, उससे साफ जाहिर है कि राजनीतिक दलों को उम्मीद बंधी थी कि शायद अमन लौट आए, परन्तु एक माह में घटित हुई हिंसक घटनाओं व ईद से ठीक पहले पत्रकार शुजात बुखारी और सेना के जवान औरंगजेब की हत्या ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। इस बारे में भाजपा नेताओं का दावा था कि विघटनकारी तत्व शांति नहीं चाहते, हमने तो सुधरने का एक मौका दिया था।

अब फिर से केंद्र ने जम्मू-कश्मीर की समग्र समीक्षा कर फैसले को पलट दिया और आतंकियों के सफाए के लिए आप्रेशन ऑल आऊट फिर चलेगा। हालांकि रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अगर हालात पर काबू पाना है तो पत्थरबाजों पर कड़ी कार्रवाई करनी होगी। पत्थरबाजों को पाक की शह पर सुरक्षाबलों पर पथराव के लिए उकसाया जा रहा है।
 


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kirti

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