जम्मू कश्मीर सरकार गठन: फिसल रहा है पीडीपी-भाजपा के हाथों से समय, 9 अप्रैल है डेडलाइन

Tuesday, Mar 15, 2016 - 12:11 PM (IST)

 जम्मू कश्मीर: जम्मू और कश्मीर में नई सरकार के गठन के लिए पी.डी.पी और भाजपा के बीच मतभेद सुलझाने का समय तेजी से फि सल रहा है।


मौजूदा विधानसभा को विघटन से बचने के लिए 9 अप्रैल तक बैठक बुलानी होगी। राज्य विधानसभा इस समय निलंबित अवस्था में है। हालांकि पी.डी.पी के शीर्ष नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद के जनवरी में निधन के बाद से ही राज्य में गवर्नर रूल लगा हुआ है।
राज्य विधानसभा की आखिरी बैठक 10 अक्टूबर, 2015 को हुई थी और जम्मू और कश्मीर के संविधान के अनुच्छेद 53 के मुताबिक विधानसभा के दो लगातार सत्रों के बीच छह महीने से ज्यादा का अंतराल नहीं हो सकता है और यह शर्त इस समय जारी सियासी बातचीत की डेडलाइन तय करती है।


मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी और पी.डी.पी. प्रमुख महबूबा मुफ्ती के कुछ संदेशों के बावजूद भाजपा से बातचीत का अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। दोनों ही पक्ष यह इशारा करते हुए दिख रहे हैं मानो उन पर सहयोगी दल दबाव डाल रहा हो।
महबूबा के करीबी सूत्रों का कहना है कि उनकी नेता मुफ्ती की ख्वाहिशों के मद्देनजर सरकार बनाने के लिए तैयार हैं और घाटी और जम्मू के मतभेदों को कम करना चाहती हैं। लेकिन पी.डी.पी. के लिए दूसरे पहलू भी हैं मसलन कश्मीरी भावनाओं को भरोसा दिलाने की जरूरत।
 दूसरी तरफ, भाजपा नेताओं का दावा है कि महबूबा के मन में क्या हैए वह इसे जाहिर नहीं करती हैं। वे दलील देते हैं कि मुफ्ती मोहम्मद सईद जम्मू के प्रतिनिधित्व के बिना किसी सरकार की साख नहीं होगी। इस बात को समझते थे और उनके उत्तराधिकारी को भी इसका ख्याल रखना चाहिए।


 जब तक कि दोनों पक्ष किसी सहमति पर नहीं पहुंच जाते हैं और समझौता नहीं कर लेते हैंए कोई रास्ता निकलने की सूरत खत्म होती दिख रही है क्योंकि राज्यपाल शासन का समय बढ़ाया जा सकता है। अगर ऐसा नहीं हो पाया तो अप्रैल में विधानसभा भंग हो जाएगी और फिर चुनावों का ही विकल्प रह जाएगा। जाहिर है दोनों ही पक्ष इस मोड़ पर पहुंचने से बचना चाहेंगे

 

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