भारत की इस नदी का पानी नहीं जाएगा पाकिस्तान, पंजाब व जम्मू के किसानों को मिलेगा लाभ
punjabkesari.in Saturday, Feb 24, 2024 - 06:46 PM (IST)
जम्मू-कश्मीरः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से शाहपुरकंडी बांध परियोजना का काम आखिरकार 29 साल बाद पूरा हो गया है। इस परियोजना की शुरुआत तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव द्वारा 1995 में नींव पत्थर रख कर की गई थी। जिसके बाद कई बार काम रुका व शुरु करवाया गया। पी.एम. मोदी के प्रयासों के बाद कई समस्याओं का हल हुआ और 2018 में शाहपुरकंडी परियोजना को एक बार फिर शुरू किया गया। जानकारी के अनुसार इस परियोजना पर करीब 2,793 करोड़ रुपए का खर्च आया है। अब इस झील में पानी भरने काम शुरू कर दिया गया है। हर साल पाकिस्तान को जाने वाला रावी नदी का 12 हजार क्यूसेक पानी अब बंद हो जाएगा और इस बचे हुए पानी से जम्मू-कश्मीर और पंजाब की 37 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो पाएगी और किसानों को सबसे अधिक फायदा मिलेगा।
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इस रावी कैनाल से कठुआ और सांबा व खासकर कंडी क्षेत्र के लोगों की पानी की जरूरत पूरी होगी। शाहपुरकंडी बांध की झील में पानी भरने का कार्य शुरू कर दिया गया है। बता दें कि रणजीत सागर बांध परियोजना से पहले दिन 2300 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। 14 जनवरी से रणजीत सागर बांध परियोजना में बिजली उत्पादन रोका गया था, जिसके बाद शाहपुरकंडी बांध के दस सेल्यूस अंडर वाटर वॉल्ब बंद करने की प्रक्रिया को गत दिवस पूरी कर शाहपुरकंडी बांध की झील में पानी भरने का कार्य शुरू कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार शाहपुरकंडी बांध को रणजीत सागर डैम से 11 किलोमीटर डाउनस्ट्रीम और माधोपुर हाइडल से 8 किमी. अपस्ट्रीम पर बनाया गया है। भंडारण का कार्य शुरू होने के बाद यहां एक कृत्रिम झील आकार ले लेगी और उसके बाद इससे रावी-तवी नहर से खेतों में पानी पहुंचाया जाएगा। इससे कठुआ, हीरानगर व सांबा की बंजर हो रही जमीन में पानी की मात्रा बढ़ेगी और खेतों में भी हरियाली आएगी।
बता दें रावी कैनाल का कुछ काम अभी बाकी है जिसे झील में पानी भरने तक पूरा कर लिया जाएगा। इससे भविष्य में 206 मेगावाट बिजली उत्पादन का भी किया जा सकता है।