पुलवामा हमले में बचे जवानों को आज भी है इस बात का मलाल

punjabkesari.in Friday, Feb 14, 2020 - 01:49 PM (IST)

श्रीनगर: साल पहले आज ही के दिन कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ की कानवाई पर हुए आत्मघाती हमले में 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे जिसके जख्म अभी भी हरे हैं। लेकिन हमले जो साथी बचे थे उनके जहन में आज भी दहला देने वाले मंजर ताजा है। हमले में जिंदा बचे साथियों को अभी भी इस बात का मलाल है कि वह इस हमले का बदला अपने हाथों से नहीं ले सके। बता दें कि इस हमले में पांच जवान बच गए थे।

PunjabKesari

सीआरपीएफ की 45वीं बटालियन के जवान राजेश प्रताप का कहना है कि भले ही इस हमले का आज एक साल पूरा हो गया है लेकिन जब भी इस हमले का ख्याल मन में आता है तो खून खौल उठता है। उन्होंने कहा जब धमाका हुआ तो हमारी गाड़ी दो गाड़ियों के अंतर पर थी। जब धमाका हुआ तो चोरों तरफ जवानों की चीथड़े बिखरे हुए थे, हवा में आग के अंगारे दिखाई दे रहे थे। उन्होंने बताया कि उनके मन में आज भी मुंहतोड़ जवाब देने का जज्बा है जिसे वह अब आतंकरोधी अभियानों में अपना रहे हैं। 

PunjabKesari

वहीं अन्य जवान सुनील कुमार ने बाताया कि वह जिंदगी भर इस वाक्य को नहीं भूल सकते। उन्होंने बताया कि शहीद साथियों की यादों को अपने मन में लेकर वह आतंक रोधी अभियानों के खिलाफ लेकर आगे बढ़ रहे हैं। उड़ी हमले के चश्मदीद जवान असलम ने बताया की धमाके के वक्त वह जमीन पर लेट गए थे। हादसे में कई जवानों ने शहादत दी थी। मुझे आज भी याद है कि हादसे के बाद किसी भी जवान ने खाना नहीं खाया था। 

PunjabKesari

भारतीय सेना ने बालाकोट में एयरस्ट्राइक कर लिया था बदला
kotज्ञात रहे कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने पुलवामा में हमला किया था। इस हमले को 20 साल के कश्मीरी युवक ने अंजाम दिया था। जिसने विस्फोटक से भरी गाड़ी से CRPF के काफिले को टक्कर मार दी थी।इस हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। इसमें सेना के करीब 40 जवान शहीद हुए थे। CRPF ने  पुलवामा हमले को अंजाम देने वाले  मास्टरमाइंड और जैश के स्थानीय आतंकी कामरान को 100 घंटे के अंदर ही मौत के घाट उतार दिया था। 27 फरवरी को भारतीय सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक की थी, जिसमें कई आतंकियों के मारे जाने का दावा किया गया था।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Author

rajesh kumar

Recommended News

Related News