नमाज ए जुम्मा पर भी दिखा कोरोना वायरस का असर, लोगों ने बनाई मस्जिदों से दूरी

Friday, Mar 20, 2020 - 05:54 PM (IST)

श्रीनगर: कोरोना वायरस के संक्रमण का असर शुक्रवार को नमाज ए जुम्मा पर भी देखा गया। वायरस के खतरे को देखते हुए कई मस्जिदों को नमाज के लिए नहीं खोला गया। नमाज-ए-जुम्मा के लिए कुछेक मस्जिदों को खोला तो गया लेकिन उनमें नमाजियों की संख्या बहुत कम रही। शुक्रवार को अदा की जाने वाली नमाज-ए-जुम्मा काफी अहम माना जाता है और इसमे हर मुस्लिमों का शामिल होना अनिवार्य माना जाता है। मुफ्ती-ए-आजम मुफ्ती नासिर उल इस्लाम ने कहा कि सिर्फ पूरी तरह स्वस्थ लोग ही अपने अपने क्षेत्र की मुख्य मस्जिद में नमाज-ए-जुम्मा के लिए आएं। गत वीरवार को जमीयत-ए-अहल-ए-हदीस ने एलान किया था कि हालात सामान्य होने तक नमाज ए जुम्मा के आयोजन को इस्लाम की रोशनी में टाला गया है।



मौलवी इमरान रजा अंसारी ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए सभी शिया संगठनों ने अगली सूचना तक सभी सार्वजनिक समारोहों, व शुक्रवार को होने वाली सामूहिक नमाज ए जुम्मा का आयाेजन न करने का फैसला किया है। सभी लोग घरों में ही नमाज अदा करें और पूरा एहतियात बरतें। सुन्नी समुदाय के विभिन्न मजहबी संगठनों के साझा मंच मुत्तहिदा मजलिस ए उलेमा ने बुधवार को ही एक बयान जारीकर लोगों को मस्जिदों में भी ज्यादा संख्या में जमा न होने का आग्रह किया था।



शुक्रवार को आज दोपहर नमाज ए जुम्मा के लिए जमायत ए अहले हदीस से संबधित किसी भी मस्जिद में नमाजी नहीं आए। वहीं शिया संगठनों द्वारा संचालित मस्जिदों के दरवाजे भी आम नमाजियों के लिए पूरी तरह बंद रहे। श्रीनगर, बडगाम, कुलगाम, शोपियां, अनंतनाग, बारामुला, कुपवाड़ा, हंदवाड़ा समेत वादी के सभी प्रमुख शहरों, कसबों व गांवों में आज आज सामूहिक तौर पर नमाज-ए-जुम्मा नहीं हुई। सभी मस्जिदें लगभग बंद रहीं। सिर्फ अजान ही गूंजी। कश्मीर की प्रमुख एतिहासिक जामिया मस्जिद में नमाज-ए-जुम्मा के लिए नमाजी जमा नहीं हुए। सामान्य परिस्थितियों में डाऊन-टाऊन के नौहटटा स्थित इस एतिहासिक मस्जिद में नमाज-ए-जुम्मा के लिए दस हजार के करीब नमाजी जमा होते हैं। हुर्रियत चेयरमैन मीरवाईज मौलवी उमर फारुक भी इसी मस्जिद में नमाज ए जुम्मा से पूर्व खुतबा देते हैं।

rajesh kumar

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