J&K: बार्डर पर आई.बी.जी की होगी तैनाती, दुश्मनों को घर में घुसकर करेंगे ढेर

Thursday, Nov 14, 2019 - 12:20 PM (IST)

श्रीनगर: सेना का इंटीग्रेटिड बैटल ग्रुप (आई.बी.जी) आदेश के 12 घंटे के भीतर ही दुश्मन को घर में घुसकर ढेर कर देगा। यह इसकी विशेष दक्षता में शामिल है। प्रतिरक्षा हो या आक्रमण, युद्ध जैसी किसी भी स्थिति से तुरंत निपटने में यह दस्ताहर क्षण तत्पर रहेगा। इसी माह के अंत तक जम्मू से सटी अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास इसकी तैनाती की जाएगी, जिसके बाद लद्दाख, पूर्वोत्तर क्षेत्र और राजस्थान में भी तैनाती होगी।

यह महज विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कमांडोज का दस्ता मात्र नहीं, बल्कि पैदल सेना, टैंक, तोपखाना, वायु रक्षा, संचार और युद्ध कौशल के तमाम अत्याधुनिक अधिकारों से लैस पूरी यूनिट है। दुश्मन की हर चाल को विफल बनाने की हरसंभव क्षमता-योग्यता इसमें निहित है, इसलिए इसे इंटेग्रेटिड बैटल ग्रुप यानी एकीकृत युद्धक समूह कहा गया है। आवश्कता पड़ते ही तुरंत धावा बोल देना इसकी सबसे बड़ी खूबी है, यानी तैयारिया रणनीति बनाने के लिए किसी अतिरिक्त समय की इसे आवश्यकता नहीं पड़ेगी, बस आदेश मिलने की देर होगी।



पाक सेना ने 99 बार किया सीज फायर उल्लंघन
बीते 11 दिनों में ही पाक सेना ने 99 बार अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आई.बी.) व एल.ओ.सी. पर गोलाबारी की। इस साल अक्तूबर में सबसे ज्यादा 351 बार जंगबंदी का उल्लंघन हुआ है। भारतीय जवानों ने भी पाक सेना को हर बार मुंहतोड़ जवाब देते हुए उसके नापाक मंसूबों को नाकाम किया है।

लड़ाकों को दिया जा रहा विशेष प्रशिक्षण
सीमा से सटे हर क्षेत्र में दुश्मन के खतरे, वहां की भौगोलिक चुनौतियों और लक्ष्य को ध्यान में रखकर इसके लड़ाकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ ही परिस्थितयों के अनुकूल इन्हें साजों-सामान से भी सुसज्जित किया गया है। सूत्रों के अनुसार आई.बी.जी. का आकार किसी भी सैन्य ब्रिगेड से बड़ा और किसी डिवीजन से थोड़ा कम होगा। इसमें शामिल अधिकारियों, जवानों की संख्या क्षेत्र और ऑप्रेशन की आवश्यकताओं के अनुरुप तय की जाएगी। आई.बी.जी. की कमान मेजर जनरल रैंक के एक अधिकारी के पास होगी औऱ वह संबंधित कोर के जी.ओ.सी के अधीन होगी।

ग्रुप के गठन को सैद्धांतिक मंजूरी
अधिकारियों के अनुसार जम्मू में तैनात किए जाने वाले पहले बैटल ग्रुप को हिमाचल प्रदेश के योल स्थित सेना की सबसे युवा कोर-9 के अधीन तैयार किया गया है। इसका लक्ष्य सेना को बढ़ती चुनौतियों औऱ सीमा पार से बढ़ते खतरों के मुताबिक पूरी तरह समर्थ बनाना है। बता दें कि इस ग्रुप के गठन को बीते साल सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है थी। इसे सेना के संगठनात्मक ढांचे में बदलाव की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।जम्मू से सिटी सीमा पर पाक सेना ने करीब 6 माह से अपने टी-80 यू टैंक के साथ रैजीमैंट और अल-खालिद ब्रिगेड को तैनात रखा हुआ है। उसने ये टैंक अंतर्राष्ट्रीय सीमा से करीब 50-60 किलोमीटर दूर अलर्ट पर रखे हैं। ऐसे में पाकिस्तान की साजिश के मुकाबले के लिए यह दस्ता तैयार रहेगा।

अधिकारियों के अनुसार प्रत्येक बैटल ग्रुप में लगभग 6 से 8 यूनिटें एकीकृत की गई है। प्रत्येक ग्रुप का ढांचा और उनकी दक्षता संबंधित इलाके में दुश्मन की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए तय की गई है। आदेश मिलते ही ये किसी भी पल दुश्मन के इलाके में दाखिल होने के लिए तत्पर रहेंगे। ये लड़ाके मौजूदा स्ट्राइकिंग कोर के मुकाबले कहीं अधिक सक्रिय और तीव्र कारावाई करने में सक्षम होंगे।

rajesh kumar

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