वीरता पदक से हटा शेख अब्दुल्ला का नाम, NC ने जताई नाराजगी

Tuesday, Jan 28, 2020 - 06:11 PM (IST)

श्रीनगर: वीरता और सराहनीय कार्यों के लिए दिया जाने वाला पदक शेरे कश्मीर का नाम बदलकर अब जम्मू-कश्मीर पुलिस मेडल कर दिया गया है। जिस पर अब नेशनल कांफ्रेंस ने नाराजगी जाहिर की है। नेकां के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक पीर आफाक अहमद ने कहा कि केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन राजनीतिक दुराग्रह से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि शेरे कश्मीर का नाम हटाना इतिहास से छेड़खानी है। उन्होंने कहा कि यह सब जम्मू-कश्मीर की राजनीति की प्रत्येक पहचान को मिटाने की साजिश है। 


दरअसल गणतंत्र दिवस पर जम्मू-प्रशासन ने फैसला लिया कि शेर-ए-कश्मीर नाम से अब उत्कृष्ट व वीरता पुरस्कार नहीं होगा। वहीं इस मेडल का नाम बदलकर जम्मू-कश्मीर पुलिस वीरता पुरस्कार और जम्मू-कश्मीर पुलिस उत्कृष्ट सेवा मेडल कर दिया गया है। बता दें कि शेर-ए-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के संस्थापक शेख अब्दुल्ला को कहा जाता है। इससे पहले सरकारी छुट्टियों में से भी शेख अब्दुल्ला के जन्मदिवस की छुट्टी को खत्म कर दिया गया था। गणतंत्र दिवस के मौके पर पुलिस अधिकारियों, जवानों को शेर-ए-कश्मीर मेडल उत्कृष्ट सेवाओं व वीरता के लिए दिया जाता था। इस बार दोनों मेडल से शेर-ए-कश्मीर नाम हटा दिया गया। इस बार गणतंत्र दिवस पर तीन पुलिस अधिकारियों को उत्कृष्ट सेवाओं के लिए पुलिस मेडल चुना गया था।


NC ने किया कड़ा विरोध
नेशनल कांफ्रेंस ने पुलिस पदकों का नाम बदले जाने का कड़ा विरोध किया है और इस बदले की कार्रवाई कहा है। पीर आफाक ने कहा कि शेख अब्दुल्ला ने जिस जम्मू-कश्मीर की कल्पना की थी, उसे आज धार्मिक संकीर्णता के बंधन में बांधकर दिखाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शेख अब्दुल्ला का व्यक्तित्व किसी पदक या पुरस्कार का मोहताज नहीं है। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने गत शनिवार को पुलिस वीरता पुरस्कार और उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक का नाम बदलने का एलान किया है।

 

rajesh kumar

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