दो दिनों के दौरे पर श्रीनगर पहुंचे राजनाथ सिंह

Wednesday, Aug 24, 2016 - 04:57 PM (IST)

श्रीनगर: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर आज यहां पहुंचे। वह यहां राजनीतिक दलों और समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों से बात करेंगे। राजनाथ ने ‘कश्मीरियत,इंसानियत और जम्हूरियत’ में विश्वास करने वालों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है।  गृह मंत्री एक माह के भीतर कश्मीर के दौरे पर दूसरी बार आए हैं। 

राजनाथ ने किया ट्वीट
केन्द्रीय गृह मंत्री ने ट्विटर पर लिखा मैं नेहरू गेस्ट हाउस में ठहरूंगा। कश्मीरियत, इंसानियत और जम्महूरियत में विश्वास करने वालों का बातचीत के लिए स्वागत है। इस बीच,माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के विधायक मोहम्मद युसुफ तारिगामी ने कहा कि उनकी पार्टी का चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आज शाम तक सिंह से मुलाकात करेगा। उन्होंने कहा कि हमसे शाम पांच बजकर 45 मिनट पर नेहरू गेस्ट हाउस में केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात करने को कहा गया है। हम फिर से पेलेट गन पर प्रतिबंध लगाने और घाटी में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए कश्मीर का हित चाहने वाले सभी लोगों को एकसाथ बातचीत के लिए बुलाने का मुद्दा उठाएंगे

कश्मीर घाटी की स्थिति की राजनाथ करेंगे समीक्षा
राजनाथ कश्मीर घाटी की स्थिति की भी समीक्षा करेंगे। अनंतनाग में नौ जुलाई को हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी समेत तीन आतंकवादियों के मारे जाने के ठीक अगले दिन से घाटी में भड़की ङ्क्षहसा में अब तक 68 लोग मारे गए हैं और 5500 अन्य घायल हुए हैं। हिंसक घटनाओं में दो पुलिसकर्मी भी शहीद हुए हैं और 4000 से अधिक सुरक्षा बल के जवान घायल हुए हैं।  हालांकि कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री और विभिन्न व्यापार संगठनों की कश्मीर इकोनोमिक एलायंस के पदाधिकारियों ने कहा कि वे सिंह के साथ बैठक का बहिष्कार करेंगे। इन तमाम व्यापारिक संगठनों ने सिंह के गत माह दौरे के दौरान उनसे मुलाकात करने से इन्कार कर दिया था।   

PM मोदी ने की थी अपील
केंद्रीय गृह मंत्री का घाटी के दौरे का कार्यक्रम विपक्षी दलों के एक प्रतिनिधिमंडल के नई दिल्ली में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के एक-दो दिन बाद बना है। प्रतिनिधिमंडल ने मुखर्जी और मोदी से घाटी में फिर से सामान्य स्थिति बहाल करने और शांति कायम करने के वास्ते बातचीत शुरू करने और लोगों पर अत्यधिक बल प्रयोग रोकने के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था। प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद मोदी ने सभी राजनीतिक दलों से जम्मू-कश्मीर में मिलकर काम करने और भारतीय संविधान के दायरे में कश्मीर समस्या का स्थायी और ठोस समाधान ढूंढने की अपील की थी।  

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