कश्मीर में पंचायतों के उप-चुनाव करवाने के लिए तैयारियां शुरू

Saturday, Jan 25, 2020 - 01:25 PM (IST)

जम्मू: खाली पड़े लगभग 12 हजार क्षेत्रों में सरपंचों और पंचों के उप-चुनाव करवाने के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं और आशा की जा रही है कि यह चुनाव आगामी माह के अंत तक करवा दिए जाएंगे। गत वर्ष घाटी के इन क्षेत्रों में चुनाव प्रक्रिया इसलिए पूरी नहीं हो सकी थी, क्योंकि वहां एक ओर उग्रवादियों का दबाव बना हुआ था तो दूसरी ओर मुख्यधारा के अधिकांश संगठनों ने चुनाव प्रक्रिया से दूर रहने की घोषणा कर दी थी। इसके पश्चात भी जम्मू और लद्दाख के सभी क्षेत्रों के अतिरिक्त घाटी में 50 प्रतिशत के लगभग क्षेत्रों में यह चुनाव हो पाया।


वहीं घाटी में इतनी बड़ी संख्या में मूल लोकतांत्रिक इकाइयों की अनुपस्थिति कई तरह की कठिनाइयों का कारण बन रही है और लोगों की समस्याओं का समाधान न होने के कारण कठिनाइयां उत्पन्न हो रही हैं। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह आवश्यक माना जा रहा है कि जिन क्षेत्रों में चुनाव नहीं हो पाए थे, वहां भी इस प्रक्रिया को पूरा किया जाए और फिर यह भी समझा जा रहा है कि गत वर्ष की तुलना में परिस्थितियों में बड़ा सुधार आया है। यद्यपि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि मुख्यधारा के कुछ बड़े क्षेत्रीय संगठन क्या रुख अपनाते हैंयद्यपि यह चुनाव पार्टी लाइनों पर नहीं हो रहा है।

लोगों को उग्रवाद के दबाव से बाहर निकालने के लिए कई तरह के पग उठाए गए हैं और सुरक्षा का अनुभव करवाने के लिए एक बड़ा पग यह भी उठाने की घोषणा की गई है कि पंचों-सरपंचों का सरकारी रूप से बीमा करवाया जाएगा और साथ ही चुनाव में रुकावट डालने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि विधानसभा का चुनाव कब होगा
लद्दाख और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि विधानसभा चुनवा कब होगा, क्योंकि पहले जम्मू-कश्मीर में विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन करवाना अनिवार्य दिखाई देता है। इसलिए यह महत्वपूर्ण प्रक्रिया कितने समय में पूरी हो पाएगी, इसका पता तो आने वाले समय में ही चल पाएगा। वहीं नए प्रशासन का बड़ा प्रयास यही दिखाई देता है कि मूल लोकतांत्रिक इकाइयों को प्रभावी और आधिकारिक बनाया जाए, ताकि विकास प्रक्रिया में जनता की भागीदारी को सुनिश्चित बनाया जाए। जिसके लिए संविधान के 73वें और 74वें संशोधन को लागू करना एक महत्वपूर्ण दायित्व माना जा रहा है। इन संस्थानों को अधिक से अधिक विकास राशि और अधिकार उपलब्ध करने का क्रम शुरू कर दिया गया है तथा 3 स्तरीय पंचायती राज लागू करने के लिए पग उठाए जा रहे हैं।

rajesh kumar

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