अलगाववादियों से बातचीत को लेकर केंद्र पर दबाव बना रही पीडीपी

punjabkesari.in Wednesday, Apr 26, 2017 - 01:48 PM (IST)

जम्मू कश्मीर : मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के तुंरत बाद यूनिफाइड कमांड की बैठक आयोजित की। इस पहल में सेना, सुरक्षा बलों और रियासत सरकार के बीच कुछ मुद्दों पर पैदा हुए विवाद को सुलझाने के लिए वार्तालाप हुई। दो-तीन महीनों से चल रहे हिंसा के मौजूदा हालात में स्थिति सामान्य बनाना आसान नहीं है लिहाजा इसके लिए पीडीपी अलगाववादी शरणम गच्छामि की नीति पर अमल चाहती है। उधर केंद्र ने संदेश दिया है कि संविधान के दायरे से बाहर कोई बातचीत संभव नहीं है। 

 


पीडीपी पर कश्मीर केंद्रित पार्टियों ने किया हमला
रियासत सरकार अमन बहाली में अलगाववादियों से मदद मांग रही है लेकिन अलगाववादियों की जमात ने इसे अनसुना कर दिया है। उपद्रवी और आतंकी संगठनों में मजबूत गठजोड़ कायम होने से स्थिति ज्यादा बिगड गई है। पीडीपी सूत्रों के मुताबिक पत्थरबाज को जीप के बोनट से बांधकर घुमाने का वीडियो वायरल होने के कारण ही पीडीपी पर कश्मीर केंद्रित पार्टियों का हमला बढ़ा है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने डीजीपी को फोन कर सेना पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। सेना और सुरक्षा बलों ने इसे आतंक विरोधी कार्रवाई में रियासत सरकार का हस्तक्षेप माना जिससे विवाद की स्थिति पैदा हुई।

 


आतंक के मामले में कोई रियायत देना संभव नहीं
केंद्र ने साफ कर दिया है कि आतंक के मामले में कोई रियायत देना संभव नहीं है। साथ ही केंद्र और भाजपा उस सरकार को बचाना भी चाहती है जिसमें वह खुद भागीदार है। दरअसल राज्यपाल शासन की स्थिति से भाजपा की असफलता भी जुड़ सकती है। सेना से जुड़े सूत्रों के मुताबिक केंद्र ने सुरक्षा बलों को उपद्रवियों से निपटने में सख्ती बरतने की छूट दी है। उधर पीडीपी कार्रवाई में नरमी चाहती है। 


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