संसद ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख संबंधी अनुदान की मांगों को मंजूरी दी

Monday, Mar 23, 2020 - 06:36 PM (IST)

नई दिल्ली: संसद ने सोमवार को जम्मू कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित क्षेत्रों के लिये 2019-20 तथा 2020-21 के लिये अनुदानों की मांगों तथा विनियोग संबंधित चार विधेयकों को मंजूरी दे दी। राज्यसभा ने सोमवार को जम्मू कश्मीर और लद्दाख के बजट की अनुदान मांगों से जुड़े चार विधेयकों को चर्चा के बाद इन्हें ध्वनिमत से लौटा दिया। लोकसभा इन्हें पहले ही पारित कर चुकी है। उच्च सदन में वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने चर्चा के जवाब में कहा कि ऐसा पहली बार नहीं, कई बार हो चुका है कि जम्मू कश्मीर की अनुदान की अनुपूरक मांगों को राज्य विधानसभा के स्थान पर संसद में मंजूरी दिलायी गयी। उन्होंने कहा कि 1991 से लेकर 1996 तक हर साल जम्मू कश्मीर की अनुदान की मांगों एवं विनियोग विधेयक पर संसद में चर्चा हुई थी। उन्होंने कहा कि विपक्ष के सदस्य पूछते हैं कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटने के बाद राज्य में क्या बदलाव हुये? ठाकुर ने कहा कि पहले राज्य प्रशासन ‘‘भ्रष्टाचार युक्त’’ था है, अब वहां का प्रशासन ‘‘भ्रष्टाचार मुक्त’’ हो गया है।

उन्होंने अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर में विकास थमने के विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि राज्य में सेब की बिक्री पिछले साल की तुलना में ज्यादा हुयी। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार के तहत‘‘ बैक टु विलेज’’ कार्यक्रम के तहत 1930 परियोजनायें शुरु की गयी और 500 लंबित परियोजनायें पूरी की गयी। इस योजना के तहत तमाम केन्द्रीय मंत्री गांवों तक पहुंचे। ठाकुर ने राज्य में 53 प्रतिशत खर्च सुरक्षा पर खर्च होने के आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि मात्र दस प्रतिशत खर्च इस मद में हुआ है। उन्होंने दावा किया कि संप्रग सरकार के शासनकाल में करोड़ों रूपये के घोटाले हुए किंतु राजग के शासनकाल में एक रूपये का भी घोटाला नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि उस समय भी वही अधिकारी थे और आज भी वही अधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि लद्दाख को पहले मात्र 1500 करोड़ रूपये मिलते थे जिनमें से 600 करोड़ रूपये ही खर्च हो पाते थे। उन्होंने कहा कि पिछले साल हमारी सरकार ने 5754 करोड़ रुपये और अगले वित्त वर्ष के लिए 5950 करोड़ रूपये का प्रावधान किया है।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने वर्ष 2019-20 की अनुदान की पूरक मांग के तहत 53,963 करोड़ रूपये के निवल नकद व्यय का प्रस्ताव किया था। इसमें 78 अनुदान मांगें और 4 विनियोग का प्रस्ताव किया था । इसके तहत 4.8 लाख करोड़ रूपये के सकल अतिरिक्त व्यय को अधिकृत करने के लिये संसद से अनुमोदन मांगा गया था। इसमें से निवल नकद व्यय के प्रस्तावों से संबंधित कुल खर्च 53,963 करोड़ रूपये है। इसके अलावा सदन ने चालू वित्त वर्ष में पांच महीने के लिये नवगठित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के वास्ते 55,317 करोड़ रूपये और अगले वित्त वर्ष के लिये एक लाख करोड़ रूपये से अधिक के खर्च संबंधी मांग को मंजूरी दी। सदन ने 2019-20 के लिये जम्मू कश्मीर राज्य के संबंध में अनुदान की अनुपूरक मांग तथा 2019-20 के लिये जम्मू कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र के संबंध में अनुदान की मांगों और 2019-20 के लिये लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र के संबंध में अनुदान की मांगों को भी मंजूरी दी। इसके साथ ही 2020-21 के लिये जम्मू कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र के संबंध में अनुदान की मांगों को मंजूरी दी गई। जम्मू कश्मीर से बनाये गये संघ राज्य क्षेत्र लद्दाख के लिये पांच महीने के खर्च के संबंध में 5,754 करोड़ रूपये की राशि मांगी गयी थी।


 

PTI News Agency

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