पिछले 27 सालों में मारे गए 22,000 आतंकवादी: आरटीआई रिपोर्ट

Sunday, Apr 30, 2017 - 06:23 PM (IST)

जम्मू कश्मीर: राज्य में पिछले 27 सालों से अशांति का दौर चल रहा है। इनमें लगभग 22,000 आतंकवादी और 5055 सुरक्षा बल सहित 40,000 से अधिक लोग मारे गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 1990 से 31 मार्च 2017 तक जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में 40,961 से ज्यादा लोग मारे गए हैं।

 


आतंकवादी हमलों में 13491 नागरिक और 5055 सुरक्षा बल कर्मियों की हुई मौत
आरटीआई के जवाब में केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुख्य सार्वजनिक सूचना अधिकारी ने कहा कि विभिन्न आतंकवादी हमलों में 13491 नागरिक और 5055 सुरक्षा बल कर्मियों की मौत हुई है। पिछले 27 सालों में लगभग 21,965 आतंकवादी सुरक्षा बलों ने मार गिराए। आतंकवादियों के साथ लड़ते समय लगभग 13502 सैनिक घायल हो गए हैं। 

 


साल 1996 में हुई सबसे ज्यादा नागरिकों की मौत
अशांति के इतिहास में 2001 सबसे खराब वर्ष रहा। इस साल करीब 3552 लोग मारे गए जिनमें 996 नागरिक, 536 सुरक्षा कर्मियों और 2020 आतंकवादी शामिल थे। 1995 में लगभग 1031 नागरिक व 1996 में लगभग 1341 नागरिक मारे गए थे। 

 


2006 से 2012 तक आई थी आतंक-संबंधी कारणों में गिरावट 
आवेदन दायर करने वाले आरटीआई कार्यकर्ता रमन शर्मा ने कहा है कि वर्ष 2006 से  2012 तक आतंक-संबंधी कारणों में भारी गिरावट आई है। वर्ष 2012 में 102 मौतें हुई थीं जिनमें 15 नागरिक, 15 सुरक्षाकर्मियों और 72 आतंकवादी शामिल थे। लगभग 65 सुरक्षाकर्मी आतंकवादियों से लड़ते हुए घायल हुए थे। हालांकि 2013 के बाद से राज्य में हत्याओं और आतंक से संबंधित मामलों में वृद्धि हुई है। 

 


2016 में करीब 247 लोगों की हुई मौत
2016 में हत्याएं 2012 की तुलना में दोगुनी हो गई थीं। 2016 में करीब 247 लोगों की मौत हुई, जिनमें 15 नागरिक, 82 सुरक्षाकर्मी और 150 आतंकवादी शामिल थे। इस साल 31 मार्च तक 5 नागरिकों, 12 सशस्त्र बल कर्मियों और 35 आतंकवादियों सहित 52 लोग मारे गए हैं। शर्मा ने कहा कि गृह मंत्रालय ने उन्हें पिछले 27 सालों के दौरान जम्मू और कश्मीर में संपत्ति के नुकसान और क्षति से संबंधित प्रश्नों के लिए राज्य सरकार से संपर्क करने के लिए कहा है।

Advertising