प्राइवेट स्कूलों के एन.ओ.सी. के चक्कर में फंसे निर्दोष बच्चे

Friday, Feb 09, 2018 - 09:46 AM (IST)

जम्मू : निजी स्कूलों को मान्यता देने और नए स्कूल खोलने की अनुमति के लिए मानदंड तय कर दिए गए हैं। एस.आर.ओ.-123 के तहत शर्तों को पूरा करने के बाद निजी स्कूल चलाने की अनुमति मिलेगी। सरकार के नियम के तहत लगभग 284 स्कूलों ने नगर निगम जम्मू में एन.ओ.सी. के लिए आवेदन किया है, लेकिन प्रमाण-पत्र में हो रही देरी का खमियाजा निजी स्कूलों में पढ़ने वाले निर्दोष बच्चों को भुगतना पड़ रहा है।

बच्चों का क्या कसूर है जो अच्छी शिक्षा के लिए इन स्कूलों में शिक्षा हासिल कर रहे हैं। निजी स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए सरकार ने नियम काफी कड़े कर दिए हैं। एस.आर.ओ.-123 के तहत शर्तों को पूरा करने पर ही निजी स्कूलों को चलाने की अनुमति दी जा रही है। निजी स्कूलों में सेफ्टी और सिक्योरिटी को लेकर सरकार का कदम सराहनीय है।

इस संदर्भ में राज्य सरकार ने वर्ष 2016 में प्राइवेट स्कूलों को अनुमति अथवा मान्यता देने के लिए आर्डर नम्बर-385-एजु 2016 जारी किया था। सरकार ने प्राइवेट स्कूलों के लिए एस.आर.ओ.-123 ऑफ 2010 को जारी कर मापदंड तय किए थे। एस.आर.ओ. के तहत उन्हीं स्कूलों को चलाने की अनुमति दी जाएगी जो नियमों को पूरा करेंगे और जो स्कूल फायर बिल्डिंग सेफ्टी और लैब कैमिकल सेफ्टी आदि जरूरतों को पूरा नहीं करेगा, उस स्कूल को बंद कर दिया जाएगा।

शर्तों को पूरा करने के लिए निजी स्कूलों को नगर निगम जम्मू से ‘कोई आपत्ति नहीं’ का प्रमाण-पत्र हासिल करना होगा। सरकार ने शिक्षा विभाग के सभी प्रमुखों को निर्देश दिए हैं कि वे नियमों की अवहेलना करने वाले निजी स्कूलों पर कड़ी निगरानी रखें। सरकार नियमों को सख्ती से लागू करवाने के लिए हर वक्त छड़ी लेकर खड़ी रहती है।

सरकार की सख्ती के कारण ही लगभग 284 निजी स्कूल वालों ने नगर निगम जम्मू से एन.ओ.सी. हासिल करने के लिए आवेदन किया है। एक तरफ नगर निगम जम्मू में एन.ओ.सी. का मामला काफी दिनों से पैंङ्क्षडग है, वहीं दूसरी तरफ सरकार का लगातार दबाव निजी स्कूल वालों पर बढ़ता जा रहा है।

ऐसे में निजी स्कूल वाले सरकार और नगर निगम के दो पाटों के बीच फंस गए हैं। निजी स्कूलों वालों की मानें तो संभाग में अधिकतर स्कूल ऐसे हैं जो पूरी तरह शर्तों पर खरे नहीं उतर पाएंगे।

क्या कहते हैं अधिकारी 
नगर निगम की असिस्टैंट कमिश्नर मीनाक्षी का कहना है कि निगम उन्हीं स्कूलों को एन.ओ.सी. देता है जो निर्धारित शर्तों और नियमों को पूरा करते हैं। निजी स्कूलों को एन.ओ.सी. देने की प्रक्रिया जारी है।

निजी स्कूल एसोसिएशन की दलील
जे. एंड के. प्राइवेट स्कूल एजुकेशन अर्बन के प्रधान संजीव लूथरा ने कहा कि एस.आर.ओ.-123 को थोप कर राज्य सरकार ने निजी स्कूल वालों पर ज्यादती की है। हाथों की पांचों उंगलियां बराबर नहीं होती हैं। कुछ निजी स्कूल ऐसे भी हैं जो कम फीस पर गरीब और जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा मुहैया करवा रहे हैं। स्कूलों में सेफ्टी और सिक्योरिटी तो ठीक है, लेकिन कुछ शर्तें ऐसे हैं जो स्कूल वाले पूरी नहीं कर सकते।

मसलन सरकार की शर्त के अनुसार प्रिंसिपल का कमरा 1500 स्क्वेयर फुट का होना चाहिए, जोकि हर निजी स्कूल वाले अफोर्ड नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने इतनी कठोर शर्तें तय कर दी हैं कि स्कूल वाले बच्चों को पढ़ाएं या निगम कार्यालय के चक्कर काटें। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार निजी स्कूलों को बंद करने पर तुली हुई है।

Advertising