हिजबुल आतंकी का नया वीडिया सोशल मीडिया पर वायरल

Tuesday, Aug 30, 2016 - 10:03 PM (IST)

श्रीनगर : आतंकी संगठन हिजबुल मुझाहिदीन का एक नया वीडियो फेसबुक सहित सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो में रियाज नाइक नामक आतंकी ने कमांडर बुरहान वानी, लोगों के समर्थन, प्रवासी कश्मीरी पंडितों, पुलिस भर्तियों और संगठन की कश्मीर की आजादी के प्रति लड़ाई पर प्रतिबद्धता के बारे में कहा।


सोशल मीडिया पर वायरल हुए 10 मिनट के वीडियो में आतंकी नाइक ने हाल ही में विज्ञापित विशेष पुलिस अधिकारियों (एस.पी.ओ) के 10 हजार पदों के बारे में कहा कि यह भारत की एक साजिश है जो हमारे आजादी आंदोलन को कमजोर करने के लिए हमें एक दूसरे से लड़ाना चाहता है। भारत को न ही युवकों के रोजगार के बारे में चिंता है और न ही इसे हमारे युवकों की जरुरत है। जो कोई भी एस.पी.ओ. पद में शामिल होगा वह परिणामों का सामना करने के लिए तैयार रहें। साथ ही हम पुलिस से अन्य विभागों के कर्मचारियों की तरह घरों में बैठने की अपील करते हैं। यदि पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी को जारी रखेगा तो उसको मौत का सामना करना पड़ेगा।


वीडियो में आतंकी ने बुरहान वानी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि हम आतंकवादी नही है। यदि बुरहान वानी आतंकी था तो भारत जो लोकतंत्र देश का दावा करता है ने आतंकी की मौत पर सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिए। उसने कहा कि कश्मीर का हर बच्चा बुरहान वानी है। यदि बुरहान वानी आतंकी था तो 5 लाख लोग उसके जनाजे में क्यों शामिल हुए जबकि मुफ्ती मोहम्मद सईद जिसे भारत कश्मीर का मुख्यमंत्री मानता था के जनाजे में 1000 से ज्यादा लोग शामिल नहीं हुए थे। यदि बुरहान वानी आतंकी था तो कश्मीर के लोग सडक़ों पर क्यों उतर आए। नाइक ने आगे कहा कि सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा कर भारत हमारी आवाज को दबाना चाहता है और दुनिया के विभिन्न देशों में हमारी आवाज को पहुंचने की इजाजत नहीं दी जा रही है।


उसने कहा कि बुरहान वानी को मार कर भारत को शायद लगा कि अब वह शांति से रह सकेंगे लेकिन यह उनकी गलतफहमी थी। हम भारत को तब तक शांति से नहीं रहने देंगे जब तक वह कश्मीर को छोड़ नहीं देता है।
गत 15 अगस्त को श्रीनगर के नौहट्टा इलाके में सी.आर.पी.एफ. पर आतंकी हमले जिसमें सी.आर.पी.एफ. कमांडैंट प्रमोद कुमार की मौत हो गई जबकि दो आतंकी भी मारे गए के बारे में आतंकी ने कहा कि वह सी.आर.पी.एफ. अधिकारी की 6 वर्षीय बच्ची का बयान सुनकर दुखी है। जब उसने कहा कि वह अपने पिता से प्यार करती है, उससे हमारी आंखों में आंसू आ गए। हमे उसके साथ हमदर्दी है। हम किसी भी बच्चे को अनाथ होते नहीं देखना चाहते है लेकिन भारत ने बंदूक की नोक पर यह जबरन कब्जा किया है। उसके पिता को हमने उसके घर में नहीं मारा लेकिन उसका पिता हमारे बच्चों को मारने यहां आया था। मैं उसकी मां से कहना चाहता हूं कि वह कश्मीर आए और देखे कि कितने बच्चे यहां रोज अनाथ हो रहे हैं।


प्रवासी कश्मीर पंडितों के बारे में आतंकी ने कहा कि उनको आतंकियों ने नहीं बल्कि तत्काल राज्यपाल जगमोहन की साजिश के तहत कश्मीर छोडऩे के लिए मजबूर किया गया था। अब हम उन कश्मीरी पंडित भाईयों जो 90 के दशक में अपना राष्ट्र छोडक़र चले गए थे से कहना चाहते है कि वह साबित कर दे कि उनको आतंकियों ने कश्मीर से बाहर निकाल दिया। उनको कश्मीर से बाहर निकालना जगमोहन की साजिश थी और उसकी यह भी योजना था कि कश्मीरी मुस्लिमों की अमृतसर के मुसलमानों की तरह हत्या की जाए और बाद में कश्मीरी पंडितों को वापस घाटी में बसाया जाए। यदि कश्मीरी पंडित वापस आना चाहते है हम उनका दिल से स्वागत करेंगे और उनके लिए हमेरे दिलों में हमेशा जगह है। वह हमारे राष्ट्र का हिस्सा है, हम उनके संरक्षक है, हम उनके दुश्मन नही है।


इस बीच आतंकी संगठन तहरीक-ए-मुझाहिदीन ने कश्मीर में युवकों को आतंकियों में शामिल होने का निमंत्रण दिया है। हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में एक नकाबपोश आतंकी ने पुलिस को चेतावनी देते हुए उनको हस्ताक्षेप करने से परहेज करने या मौत का सामना करने के लिए तैयार रहने के लिए कहा है। आतंकी ने कहा कि उसका संगठन कश्मीर में 300 युवकों को सक्रिया करने में दिलचस्पी रखता है लेकिन जो धर्म का पूरी तरह से पालन करते हैं, सिर्फ उनको भर्ती किया जाएगा।


 

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