मोदी सरकार ने पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों की ली सुध, पैकेज से राहत की उम्मीद

punjabkesari.in Monday, Nov 13, 2017 - 04:12 AM (IST)

जम्मू: जम्मू कश्मीर में सात दशक से जिंदगी में सुख की आस लगाए बैठे पचास हजार हिंदू शरणार्थियों को अब मोदी सरकार द्वारा आशियाने के लिए पैसे मिलने जा रहे हैं। सालों से दफन दर्द को लोगों ने मीडिया के साथ साझा किया। इनका कहना है कि आज से पहले किसी भी सरकार ने इनकी कोई सुध नहीं ली। मोदी सरकार से इनको बच्चों की नौकरियां और आशियानों के लिए पैसे मिलने की उम्मीद जगी है। 

मेरा घर टूट गया है बारिश होती है तो दूसरी जगह जाना पड़ता है
मेरा घर टूट गया था, जब बारिश होती थी, तो हमें घर से बाहर जाना पड़ता था। घर में बैठने के लिए कोई भी जगह नहीं थी, अब हम नया घर बनाएंगे और मेरे पैसे बच्चों की शादी में मदद करेंगे। ये लफ्ज बंटबारे के दौरान पाकिस्तान छोड़कर आए एक परिवार की महिला विमला देवी के हैं। 
75 साल की बुजुर्ग महिला विमला देवी का लंबा इंतजार अब खत्म होने को है। बंटबारे के दौरान पाक अधिकृत कश्मीर को छोड़कर दस परिवार के सदस्य सहित भारत आये थे, तबसे पूरा परिवार जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा आबंटित दो कमरों के मकान में रह रहा था।

दिया जा रहा है वित्तीय पैकेज
जम्मू कश्मीर में वन टाइम सेटलमेंट के आधार पर सत्तर साल बाद हर परिवार को घर बनाने के लिए 5.5 लाख की पहली किस्त जारी हो रही है। विमला देवी का कहना है कि सत्तर साल बाद भारत में पीओके छोड़कर आए शरणार्थियों को घर बनाने के लिए वित्तीय पैकेज दिया जा रहा है।

शरणार्थियों के साथ धोखा किया
कुछ लोग भाजपा के इस कदम को वोट बैंक मजबूत करने के रूप में देख रहे हैं। हालांकि पार्टी का कहना है कि यह काम शरणार्थियों की सुरक्षा के लिए किया गया है। वहीं इस मामले पर विपक्ष का कहना है कि कुछ लोगों के लिए भाजपा ने शरणार्थियों के साथ धोखा किया है। 

अभी तक नहीं मिल पाया पैकेज
पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों की कालोनी से विमला देवी का घर मात्र तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों को एक समान पैकेज देने की वादा सरकार ने किया था, लेकिन वे अभी तक वितरित नहीं किया गया है। पश्चिमी पाकिस्तान की शरणार्थी सुनीता देवी का कहना है कि अभी उन्हें सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिल पाई है। जम्मू और कश्मीर में 32000 पीओके और बीस हजार वेस्ट पाकिस्तानी शरणार्थी रहते हैं। पीओके के शरणार्थियों को विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में वोट डालने का अधिकार है लेकिन पश्चिमी पाकिस्तान के आए शरणार्थियों को लोकसभा चुनाव में ही वोट डालने का अधिकार है।

हमारे बच्चों के पास नौकरियां नहीं हैं
शरणार्थी सुनीता देवी ने कहा, हम यहां पर बहुत सारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। हमारे बच्चों के पास नौकरियां नहीं हैं । हम पैसे प्राप्त करने के इंतजार में हैं जिससे कि हमारे बच्चे कम से कम अपना बिजनेस करके अपनी जिंदगी को सुरक्षित कर सकें। लेकिन अभी तक हमें पैसे प्राप्त नहीं हुए हैं।

2000 करोड़ शरणार्थियों के लिए मुख्य मददगार साबित हुआ
इस मामले को लेकर भाजपा का कहना है कि वन टाइम सेटलमेंट के तहत 2000 करोड़ शरणार्थियों के लिए मुख्य मददगार साबित हुआ है। लेकिन विपक्ष का कहना है कि यूपीए सरकार के समय शरणार्थियों के लिए 9025 करोड़ आवंटित करने की सिफारिश की गई थी। 

किसी भी राजनीतिक पार्टी ने नहीं दिया ध्यान
जम्मू कश्मीर भाजपा अध्यक्ष सतपाल शर्मा का कहना है कि सत्तर सालों से किसी भी राजनीतिक दल ने इनकी ओर ध्यान नहीं दिया है। कांग्रेस नेता श्याम लाल शर्मा ने कहा, कांग्रेस सरकार ने इस वन टाइम सेटलमेंट को पास किया था, तो भारत सरकार को इसे पास करना ही था।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Punjab Kesari

Recommended News

Related News