कश्मीर में हड़ताल के कारण जनजीवन प्रभावित, मुख्य बाजार रहे बंद

Tuesday, Nov 05, 2019 - 05:02 PM (IST)

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने संबंधी अनुच्छेद 370 और 35 ए को समाप्त और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के विरोध में घाटी में जारी हड़ताल के बीच मंगलवार की सुबह चंद घंटों की सामान्य स्थिति बहाल होने के बाद फिर से सभी दुकानें और मुख्य व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। 



पूरी घाटी में गत पांच अगस्त के बाद से ही पूरी राजनीतिक गतिविधियां ठप्प हैं क्योंकि प्राय: सभी राजनीतिक पाटिर्यों और क्षेत्रीय पाटिर्यों के प्रमुखों को हिरासत में ले लिया गया है या फिर नजरबंद कर दिया गया है। पूरी घाटी में पहले से ही निषेधाज्ञा लागू है और कहीं भी चार या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर पाबंदी लागू है। पुलिस ने मंगलवार को कहा कि ग्रीष्मकालीन राजधानी समेत पूरी घाटी में कहीं भी कर्फ्यू नहीं लगा है। घाटी में पिछले 93 दिनों से सभी ट्रेन सेवाएं स्थगित हैं।



घाटी के किसी भी हिस्से में कोई ट्रेन सेवा नहीं संचालित हो रही है। संचार नेटवर्क भी बुरी तरह प्रभावित है क्योंकि अफवाहों को फैलाने से रोकने के लिए तमाम सेवाओं पर रोक लगी हुई है। इस बीच लैंड लाइन एवं पोस्ट पेड सेवाएं शुरू की गई हैं जबकि भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) समेत तमाम सेल्युलर कंपनियों की इंटरनेट एवं प्री पेड सेवाएं 5 अगस्त से ही बंद हैं। शहर में ऐतिहासिक जामिया मस्जिद श्रद्धालुओं के लिए बंद है। 



उदारवादी हुरिर्यत कॉन्फ्रेंस के प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक के गढ़ वाले में इलाके में स्थित मस्जिद में लोगों की भीड़ को रोकने के लिए नमाज स्थल के सभी द्वार बंद रहे। अर्द्धसैनिक बल के जवान जामिया बाज़ार और मस्जिद के बाहर तैनात हैं जहां पांच अगस्त के बाद से जुमे की नवाज समेत कोई भी नमाज नहीं अदा की जा सकी है। 

rajesh kumar

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