लश्कर-ए-तैयबा के ग्राउंड वर्कर जावेद अहमद की जमानत अर्जी खारिज

Saturday, Dec 14, 2019 - 02:04 PM (IST)

जम्मू: एन.आई.ए.एक्ट में नामित स्पेशल जज अश्विन कुमार शर्मा ने लश्कर-ए-तैयबा के कथित ओवर ग्राऊंड वर्कर जावेद अहमद मीर की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। अहमद मीर प्रतिबंधित लश्कर-ए-तोयबा के ओवर ग्राऊंड वर्कर के तौर पर काम कर रहा था। पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल मोहम्मद अयूब एस.एच.ओ. के साथ अथूरा गए थे और पुलिस स्टेशन करीरी में लिखित दस्तावेज सौंपा था। 

इस दस्तावेज में कथिर रुप से बाताय गया कि जिला पुलिस बारामूला, सी.आर.पी.एफ., एस.एस.बी. औऱ सेना ने पुख्ता सूचना मिलने के बाद अथूरा पयीन में तलाशी अभियान चलाया और वहां छिपे आतंकवादियों ने अवैध ढंग से रखे हथियारों से गोलीबारी शुरू कर दी, ताकि सुरक्षा बलों को मारा जा सके। आतंकवादियों का आपराधिक षड्यंत्र था कि कुछ ओवर ग्राऊंड वर्करों के साथ क्षेत्र में आतंकवाद को बढ़ावा दिया जाए, ताकि युवाओं को उत्तेजित कर आतंकवाद में शामिल किया जा सके।

इस पर पुलिस ने आतंकवादी गतिविधियों के तहत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है। जांच में पता चला है कि अथूरा पयीन में छिपे आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा से संबंधित थे औऱ गुलाम नबी चौपान पुत्र हबाबुल्ला चौपान निवासी अथूरा पयीन के घर अवैध हथियारों के साथ छिपे हुए थे। जवाबी कार्रवाई में दोनों आतंकवादी मारे गए। उनके शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाया गया। उनकी पहचान मेहनाज मोहियुद्दीन और अकील अहमद सोफी के रुप मे हुई। उनके शवों को परिजनों को सौंप दिया गया।

जांच में पता चला कि आतंकवादियों को गांव मे जावेद अहमद मीर लाया और अपने घर पर रखा। मुठभेड़ में रिहायशी घर को काफी नुक्सान पहुंचा। वहीं, तय धारा के तहत आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। जांच के बाद आरोपी जावेद अहमद को हिरासत में लेकर पुलिस स्टेशन करीरी 7 नवम्बर, 2018 को लाया गया। उसने जांच और पूछताछ में बताया कि दोनों आतंकवादियों को गांव लाया गया था और अपने घर में रखा था।

कोर्ट का मानना था कि आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। ऐसे में जिन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है उसके मुताबिक आरोपी को जमानत नहीं दी जा सकती।

rajesh kumar

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