मजबूरी या लाचारी, संसाधन उपलब्ध होने के बावजूद लाखों रुपए किराए में फूंक रही सरकार

punjabkesari.in Monday, Feb 05, 2018 - 10:00 AM (IST)

जम्मू : जम्मू और कश्मीर राज्य में 14 प्रतिशत के करीब सरकारी स्कूल अभी भी किरायों की इमारतों पर चल रहे हैं। सरकार के पास इमारतों के लिए पर्याप्त धनराशि नहीं है। यही वजह है कि सरकार को मजबूरीवश किरायों की इमारतों पर स्कूल चलाने पड़ रहे हैं।

राज्य के तीनों खित्तों में कुल 21,315 के करीब प्राइमरी और मिडल स्कूल हैं और इनमें से 3039 स्कूल किराए की इमारतों पर चल रहे हैं। इसे सरकार की मजूबरी कहा जाए या लाचारी या इच्छाशक्ति का अभाव, जहां संसाधन उपलब्ध होने के बावजूद लाखों रुपए किराए में फूंक रही है।

राज्य के तीनों खित्तों में श्रीनगर ही एकमात्र जिला है जहां 62 प्रतिशत के करीब स्कूल किरायों की इमारतों पर चल रहे हैं। श्रीनगर में 415 सरकारी स्कूल हैं जिनमें से 259 किराए की बिल्डिंग पर चल रहे हैं। इसी प्रकार कश्मीर संभाग के बडग़ाम जिले में 1129 स्कूलों में से 444 स्कूल किराए की इमारतों पर चल रहे हैं। बांडीपोरा जिला तीसरे स्थान पर है जहां पर 720 में से 323 स्कूल रैंटिड बिल्डिंगों पर चल रहे हैं। इसी प्रकार बारामूला में 1757 में 275, कुपवाड़ा में 1695 में 268 स्कूल किराए पर चलाए जा रहे हैं।

जम्मू संभाग की बात करें तो किश्तवाड़ जिले में 732 में से 184 स्कूल किराए के इमारतों में चलाए जा रहे हैं जबकि पुंछ में 1386 में से 71 स्कूल,  राजौरी जिले में 1559 में 227 स्कूल, रामबन जिले में 760 में से 133 स्कूल, रियासी जिले में 1037 में से 114 स्कूल किराए की इमारतों में चलाए जा रहे हैं। लद्दाख संभाग में लेह में 254 में 3 स्कूल और कारगिल में 50 स्कूल किराए की बिल्डिंगों पर चलाए जा रहे हैं।  


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