नजरबंद कश्मीरी नेताओं की रिहाई का दौर शुरू, विदेश जाने की मिली इजाजत

Saturday, Nov 30, 2019 - 12:59 PM (IST)

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में बने राजनीतिक शून्य को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने विभिन्न स्तरों पर प्रयास शुरू कर दिए हैं। जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त से ही अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद से हिरासत में लिए गए कई नेताओं को जहां रिहा किया जा रहा है, वहीं कई को विदेश जाने की अनुमति दी गई है। ताकि वे संबंधित पक्षों से जुड़े लोगों से संपर्क कर राजनीतिक प्रक्रिया की बहाली का रास्ता खोल सकें। घरों में नजरबंद नेताओं को आपात परिस्थितियों में जम्मू या दिल्ली जाने की छूट दी गई है।

दुबई में हैं पीडीपी के पूर्व मंत्री
पी.डी.पी. से निष्कासित अल्ताफ बुखारी को केंद्र सरकार ने दुबई जाने की अनुमति दी है। बुखारी नैकां, पीडीपी, कांग्रेस औऱ भाजपा सहित सभी राजनीतिक दलों से अच्छे संबंध रखते हैं। वह एक सप्ताह से दुबई से है। खबर है कि केंद्र ने उन्हें कश्मीर में अमन की बहाली के लिए दुबई स्थित कुछ खास लोगों से जो अब्दुल्ला, मुफ्ती और लोन परिवार से करीबी हैं, से संपर्क के लिए भेजा है।

रिहाई का क्रम शुरू
प्रशासन ने प्रशासनिक पाबंदियों में राहत के साथ राजनीतिक लोगों की रिहाई का क्रम शुरू किया है, ताकि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की बहाली के लिए राजनीतिक प्रक्रिया शुरू हो। गैर- भाजपा दलों द्घारा मौजूदा हालात में किसी तरह से राजनितिक गतिविधियां में रूचि देखने को नहीं मिल रही है। सभी चाहते है कि वे प्रमुख नेताओं पर लगी पांबदियों हटाने के साथ राज्य के दर्जे की बहाली की दिशा में ठोस पहलकदमी हो। ब्लॉक विकास परिषदों के गठन की प्रक्रिया ने नैकां, पीडीपी, कांग्रेस सहित गैर-भाजपा दल दूर रहे हैं। कांग्रेस, नैकां, पी.डी.पी. व पीपुल्स कांफ्रैंस के 35 बड़े नेता हिरासत में है। इन दलों के 3 दर्जन अन्य बड़े नेताओं ने घरों में नजरबंद रखा है। केंद्र सरकार इन दलों के नेताओं के साथ लगातार संवाद-संपर्क कि प्रक्रिया में है।

राजनीतिक गतिविधियों में छूट
केंद्र सरकार ने राजनीतिक प्रक्रिया की बहाली के लिए के लिए कांग्रेस, नेकां, पीडीपी सहित अन्य दलों को जम्मू में अनुच्छेद-370 पर किसी तरह की बयानबाजी ने करने की हिदायत के साथ राजनीतिक गतिविधियां करने की छूट दे रखी है। एक महीने से जम्मू में इन दलों की बैठकें हो रही है।

rajesh kumar

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