रमजान के महीने मेंं 29 आतंकी ढेर, 10 जवान हुए शहीद

punjabkesari.in Monday, Jun 26, 2017 - 11:18 AM (IST)

श्रीनगर : कश्मीर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। यहां तक कि पवित्र रमजान महीने के दौरान भी हिंसा जारी रही। रमजान के महीने में सुरक्षाबलों ने 29 आतंकियों को ढेर किया जबकि 10 जवान शहीद हो गए जिनमें एक सैनिक, सी.आर.पी.एफ. का एक जवान और पुलिस के 8 जवान शामिल हैं। इसके अलावा विभिन्न घटनाओं में 6 नागरिकों की मौत हो गई। गत 27 मई को रमजान महीने की पूर्व संध्या पर सुरक्षाबलों के साथ मारे गए हिजबुल कमांडर सबजार भट्ट के बाद आतंकी संबंधित गतिविधियों में वृद्धि हुई हैं। सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार 16 आतंकियों को घाटी भर में ढेर किया गया जबकि एल.ओ.सी. पर सेना ने 13 आतंकियों को ढेर कर दिया। नवीनतम घटना में श्रीनगर के पंथा चौक इलाके में आतंकी हमले में सी.आर.पी.एफ. का एस.आई. साहब शुक्ला शहीद हो गया जबकि सुरक्षाबलों ने 2 आतंकियों को मार गिराया। 

 

इसके अलावा मारे गए 6 नागरिकों की पहचान आदिल अहमद, नसीर अहमद, मोहम्मद अशरफ खर, अहसान डार, तौसीफ अहमद वानी और एजाज अहमद के रूप में हुई है। वर्तमान महीने के दौरान विभिन्न आतंकी हमलोंं में 8 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। कुलगाम के बोगुन्ड इलाके में आतंकियों ने पुलिसकर्मी शब्बीर अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी जबकि एक अन्य पुलिसकर्मी की हैदरपुरा हमले में मौत हो गई। वहीं, गत 16 जून को अनंतनाग में घातक आतंकी हमले में एस.एच.ओ. फिरोज अहमद डार सहित 6 पुलिसकर्मी शहीद हो गए।  कश्मीर घाटी जिसे कभी अपनी खूबसूरत वादियों के लिए जाना जाता था, उसे अब आतंक के लिए जाना जाता है। हिंसा का आलम यह है कि पवित्र रमजान के महीने में भी घाटी जल रही है। 28 मई से लेकर अब तक सेना पुलिस, आतंकवादी और स्थानीय नागरिकों को मिलाकर 66 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें सबसे ज्यादा दर्दनाक मौत डी.एस.पी. मोहम्मद अयूब पंडित की हुई जिन्हें भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। 

 

एक विशेषज्ञ के मुताबिक 1990 के दशक में रमजान के दौरान घाटी में आतंकवादी सुरक्षाबलों पर हमला नहीं करते थे लेकिन पिछले कुछ सालों में रमजान के दौरान भी हिंसा हो रही है। पिछले साल रमजान के दौरान 32 लोगों की मौत हुई थी। पिछले साल रमजान खत्म होने के कुछ ही दिन बाद यानी 8 जुलाई, 2016 को हिजबुल के पोस्टर ब्वॉय बुरहान वानी को एन्काऊंटर में मार गिराया गया था जिसके बाद से कश्मीर में हिंसा का एक नया दौर शुरू हुआ। जे.के.सी.सी.एस. की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल के मुकाबले अब तक घाटी में 130 लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें 35 सुरक्षाकर्मी, 78 आतंकी और 17 स्थानीय लोग शामिल हैं। 
 


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