पत्थरबाजी से घायल स्टूडेंट ने कहा-दोबारा नहीं करूंगी प्रदर्शन

Tuesday, Apr 25, 2017 - 01:51 PM (IST)

श्रीनगर : अस्पताल के बिस्तर पर पड़ी 17 वर्षीय इकरा के सिर में फ्रैक्चर है व उसके सिर पर पट्टियां बंधी है। अब उसकी आंखें पत्थरबाजी का शिकार होने की वजह तलाश रही हैं। उसने कहा कि वह अब दोबारा प्रदर्शन कभी नहीं करेगी। इकरा उन दर्जनों विद्यार्थियों में से एक है जो पिछले सप्ताह कश्मीर के पुलवामा कालेज में पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। कश्मीर में हिंसा की अन्य घटनाओं की तरह बीते बुधवार को पुलवामा में जो हुआ उसे विद्यार्थी और पुलिस अलग-अलग तरीके से बता रहे हैं।

 

छात्रों और पुलिस ने दिया अलग-अलग बयान 

छात्रों का कहना है कि हथियारों से लैस वाहनों में पहुंचे सुरक्षा बलों और पुलिस कर्मियों ने उनके कॉलेज पर छापेमारी की, जबकि सेना के अधिकारी कहते हैं कि वे एक कला प्रदर्शनी की चर्चा के लिए प्रिंसिपल से मुलाकात करने आए थे। कालेज में सेना की इसी मौजूगी ने छात्रों को पत्थरबाजी के लिए उकसाया। छात्रों के मुताबिक दो दिन बाद कॉलेज के बाहर सुरक्षा घेरा बनाया गया। पुलिस ने कहा कि लम्बे समय तक सुरक्षा घेरा बने रहने के बाद छात्रों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिसके जवाब में पुलिस को आंसू गैस और पैलेट गन से कार्रवाई करनी पड़ी अगले दिन प्रतिबंधित अलगाववादी समर्थक कश्मीर स्टूडेंट्स यूनियन ने घाटी के सभी सैक्षणिक संस्थानों में प्रदर्शन का आह्वान किया।इकरा की बहन साइमा ने बताया कि कॉलेज में इकरा अपने दोस्तों के साथ शांकिपूर्वक ठंग से प्रदर्शन कर रही थी। प्रदर्शन के दौरान कुछ लड़कों ने सी.आर.पी.एफ. बंकर के पास पत्थरबाजी की। इकरा से पूछा गया कि क्या वह दोबारा प्रदर्शन करेगी, तो उसने इशारे में मना कर दिया।

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