मां ने कहा-काश अपने बेटे के स्थान पर वह खुद खड़ी होकर उसका जीवन बचा पाती

Friday, Mar 23, 2018 - 10:59 AM (IST)

जम्मू : उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान दीपक कुमार ठुस्सू के घर में आज ऐसा हृदयविदारक माहौल था कि जिसे देखकर पत्थर भी रो पड़े। तकरीबन 65 वर्ष की उम्र पार कर चुकी शहीद का मां तो बस विलाप करते हुए कश्मीरी भाषा में बार-बार यही शब्द दोहरा रही है कि काश वह अपने बेटे के स्थान पर खुद  खड़ी होकर उसका जीवन बचा पाती। दीपक ठुस्सू 2 बहनों के इकलौते भाई थे। उनकी शहादत की खबर सुनकर घर पहुंची उनकी बहनों का भी रो-रोकर बुरा हाल था। इसे संयोग कहा जाए या कुछ और कि शहीद के पिता भी पुलिस विभाग में कर्मचारी थे तथा अपनी सेवाओं के दौरान ही उनकी मृत्यु हो गई थी। शहीद दीपक के मित्र सुनील पंडिता ने कहा कि शहीद बेहद दिलेर एवं खुले दिल वाला इंसान था, जो हमेशा अपने मित्रों, संबंधियों के अलावा हर किसी की सहायता के लिए तत्पर रहता था। पंडिता ने बताया कि शहीद की 35 वर्षीय पत्नी स्वीटी इस घटना के उपरांत गहरे सदमे में है। वह घर के एक कोने में बैठी थी और उसकी अश्रु धारा रुक नहीं रही थी।


बेटे ने कहा-सेना में भर्ती होकर पिता की मौत का लूंगा बदला 
शहीद का बेटा 9वीं कक्षा का विद्यार्थी है और रह-रह कर बस एक ही प्रश्न पूछ रहा है कि अब दिन-रात बार-बार उसे फोन कर कौन पूछेगा कि उसने खाना खाया या नहीं? वह ट्यूशन गया या नहीं? बेटे ने कहा कि पुलिस विभाग की अपनी व्यस्त दिनचर्या के बावजूद पिताजी कई बार घर पर फोन कर सबका हाल-चाल पूछते थे। उसने कहा कि बड़ा होकर वह भी सेना में भर्ती होकर पिता की मौत का बदला लेगा। वहीं शहीद की बेटी प्रश्नवाचक निगाहों से घर पर जारी क्रियाओं तथा गतिविधियों को देख रही थी। वह इस बारे में किसी से भी कुछ पूछने अथवा बात करने से गुरेज ही कर रही है। शायद बच्ची को अभी इस बारे में पता न हो, परंतु समय बीतने के साथ-साथ शायद उसे इस बात का अहसास होगा कि उसने क्या खो दिया है?

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