बैंक ऋण धोखाधड़ी: हिलाल राथर की जमानत याचिका खारिज

Wednesday, Apr 01, 2020 - 04:26 PM (IST)

नई दिल्ली: जम्मू में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने 177 करोड़ रुपये के बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में आरोपी जम्मू कश्मीर के एक पूर्व मंत्री के बेटे हिलाल राथर की अंतरिम जमानत याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। अदालत ने याचिका खारिज करते हुए आरोपी की उन आशंकाओं को खारिज कर दिया कि वह हिरासत में कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकता है।



अदालत ने कहा कि यदि वह जेल से बाहर आएगा तो उसे ज्यादा खतरा होगा। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश राजेश सेखरी ने कहा कि मौजूदा स्थिति में यदि आरोपी जेल से बाहर आता है तो उसके इस वायरस के संपर्क में आने की अधिक आशंका है। राथर ने व्हाट्सएप के जरिए स्वास्थ्य संबंधी आधार पर विशेष सीबीआई न्यायाधीश, जम्मू के समक्ष याचिका दायर कर कहा था कि जेल में उसे कोरोना वायरस का संक्रमण हो सकता है। विशेष न्यायाधीश ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की स्वास्थ्य स्थिति पर अदालतों और जेल अधिकारियों द्वारा नियमित तौर पर निगरानी रखी जा रही है। इसलिए, इस महामारी की स्थिति में याचिकाकर्ता की रिहाई का उसके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है और लॉकडाउन का उद्देश्य विफल हो सकता है।'



न्यायाधीश ने जेल अधिकारियों को निर्देश दिया कि जेल में उचित स्वच्छता सुनिश्चित की जाए, खासकर वहां जहां राथर बंद है। सीबीआई ने राथर की दलीलों का पुरजोर विरोध किया और कहा कि जेल से बाहर जाने पर उसे विषाणु संक्रमण का अधिक खतरा है। एजेंसी ने कहा कि भारत सरकार ने कोविड-19 का प्रसार रोकने के लिए पूर्ण बंद की घोषणा की है और सभी तरह के आवागमन को प्रतिबंधित कर दिया है। राथर जम्मू कश्मीर के पूर्व मंत्री अब्दुल रहीम राथर का पुत्र है। अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने कहा कि राथर को स्वास्थ्य आधार पर जमानत देना लॉकडाउन की भावना के विपरीत होगा। इससे उसके खुद के लिए और अन्य साथी नागरिकों के लिए जोखिम होगा। सीबीआई ने 177 करोड़ रुपये के जम्मू कश्मीर बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में राथर और अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है।

rajesh kumar

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