कश्मीर में 81वें दिन भी जारी रही अलगावववादियों की हड़ताल

punjabkesari.in Tuesday, Sep 27, 2016 - 08:07 PM (IST)

श्रीनगर : कश्मीर घाटी में अलगाववादियों द्वारा आहूत हड़ताल और प्रशासनिक पाबंदिक की वजह से मंगलवार को लगातार 81वें दिन भी आम जनजीवन अस्त व्यस्त रहा। हालांकि, घाटी के विभिन्न हिस्सों में आज स्थिति के सामान्य में सुधार के चलते आज तीसरे दिन भी किसी भी हिस्से में कफ्र्यू नहीं रहा।


जानकारी के अनुसार श्रीनगर के पुराने शहर सहित घाटी के संवेदनशील इलाकों में धारा 144 के तहत प्रतिबंध जारी रहे। पुराने शहर के नौहट्टा, सफाकदल, सेकीडाफर, राजौरीकदल, रैनावाडी, खानयार और आसपास के इलाकों के अलावा अपटाउन इलाकों नौगाम, छानापुरा, बाग-ए-मेहताब और आसपास के इलाकों में प्रतिबंध जारी रहे। इस दौरान अपटाउन इलाकों राजबाग, जवाहरनगर, सनंतनग और लालचौक के आसपास कोई प्रतिबंध नही रहे। इन इलाकों में लोगों और निजी वाहनों की आवाजाही देखी गई।


हालांकि अलगाववादियों द्वारा किए गए बंद और प्रशासनिक प्रतिबंधों के कारण लगातार 81वें दिन भी आम जनजीवन बाधित ही रहा। दुकानें, पेट्रोल पंप और अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और सार्वजनिक यातायात सडक़ों से नदारद रहा। घाटी में स्कूलए कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान भी बंद रहे। श्रीनगर के मध्य में कारों और ऑटोरिक्शा की आवाजाही में वृद्धि दिखाई दी। कुछ इलाकों में बड़ी संख्या में लोग घरों से बाहर नजर आए।


इस बीच कश्मीर घाटी के विभिन्न हिस्सों में आज स्थिति के सामान्य होने के संकेत दिखाई देने लगे हैं। हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी के आठ जुलाई को एक मुठभेड़ में मारे जाने के बाद उपजे तनाव के कई दिनों के बाद फिलहाल घाटी में स्थिति मोटे तौर पर शांतिपूर्ण है।


पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि कश्मीर के किसी भी इलाके में आज कफ्र्यू नहीं है लेकिन ऐहतिहात के तौर पर घाटी के कई हिस्सों में लोगों के एक स्थान पर एकत्र होने पर प्रतिबंध लागू हैं। उन्होंने कहा कि घाटी की समग्र स्थिति में काफी सुधार आया है। अधिकारी ने कहा कि कल कोई अप्रिय घटना नहीं हुई और दिन के समय स्थिति मोटे तौर पर शांतिपूर्ण ही रही।
कश्मीर में अशांति जारी है और अलगाववादी समूह इसका प्रसार भी कर रहे हैं। उन्होंने कुछ कुछ दिनों के अंतराल के बाद साप्ताहिक विरोध कार्यक्रमों की घोषणा की है।


घाटी में जारी अशांति के दौरान हुई झड़पों में अभी तक दो पुलिस कर्मियों समेत कम से कम 91 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों घायल हो चुके हैं।



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