रिफ्यूजियों का प्रदर्शन, राहत राशि वितरित करने में हो रहा भेदभाव : फ्रंट

Wednesday, Sep 06, 2017 - 11:12 AM (IST)

श्रीनगर : पी.ओ.के. डी.पी. रिफ्यूजी फ्रंट ने एकमुश्त सैटलमैंट के तहत राशि की अदायगी की मांग को लेकर आज सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर 1947, 1965 व 1971 के रिफ्यूजियों के साथ अन्याय का आरोप लगाते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने रिफ्यूजियों के लिए राहत राशि जारी की थी, लेकिन केवल 52 करोड़ रुपए कुछ चहेते 96 डी.पी. परिवारों को वितरित किए गए, जबकि अन्य विस्थापित परिवारों को औपचारिकताएं पूरी करने के आदेश थमा दिए गए। 

 

फ्रंट के चेयरमैन रछपाल सिंह चिब व उपाध्यक्ष कृष्णा चिब ने कहा कि वर्ष 2000 में सहायता जारी की थी, जिसे आज तक पी.आर.ओ. जम्मू ने वितरित नहीं किया। रिफ्यूजियों को कृषि भूमि आबंटित करने का आश्वासन कैबिनेट आदेश नं. 578सी-1954 के तहत दिया था, लेकिन इस आदेश को भी सरकार ने पूरा नहीं किया है। 

 

राज्य सरकार ने 1998-1999 में केन्द्र सरकार को लिखित में कहा था कि पी.ओ.के. रिफ्यूजियों को अलॉट करने के लिए भूमि नहीं है लिहाजा इन्हें नकद राहत राशि दी जाए। केन्द्र सरकार ने 9 अगस्त, 2000 को नकद राहत राशि के रूप में 112 करोड़ रुपए 1947 के विस्थापितों के लिए जारी किए और 1971 के नॉन-कैम्प विस्थापितों के लिए 25000 रुपए प्रति परिवार स्वीकृत किए, लेकिन राज्य सरकार ने 16 वर्षों के बाद भी यह राहत राशि वितरित नहीं की है। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा, क्योंकि केन्द्र सरकार द्वारा जारी की गई राहत राशि की पहली किस्त में ही करोड़ों की धांधलियां हुई हैं। 

 

फ्रंट की मांगें -

1. 1947, 1965 व 1971 के रिफ्यूजियों का पंजीकरण करना।

2. 25 लाख रुपए प्रति परिवार को राहत राशि देना।

3. 16 लाख रुपए चल-अचल संपत्ति के नुक्सान की भरपाई के लिए देना।

4. नॉन-कैम्प परिवार को 50000 रुपए नकद देना।

5. रिफ्यूजियों के लिए तकनीकी, चिकित्सा व अन्य शिक्षक संस्थानों में 5 प्रतिशत आरक्षण देना।

6. सरकारी नौकरियों में 5 प्रतिशत आरक्षण देना

7. शहरी रिफ्यूजियों के लिए प्लॉट तथा 10 लाख रुपए घर के निर्माण के लिए देना।

8. विधानसभा में 24 सीटों को बढ़ाना।

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