आपातकालीन लैंडिंग अभ्यास :वायुसेना के चिनूक, एमआई-17 हेलीकॉप्टर राजमार्ग पर उतरे

Tuesday, Apr 02, 2024 - 12:55 AM (IST)

श्रीनगरः भारतीय वायु सेना के चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टर आपातकालीन लैंडिंग सुविधा (ईएलएफ) ड्रिल के हिस्से के रूप में कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के एक हिस्से पर उतरे। यह जम्मू-कश्मीर में इस तरह का पहला अभ्यास है। 

अधिकारियों के अनुसार, अमेरिका निर्मित चिनूक और रूस निर्मित एमआई-17 हेलीकॉप्टरों की लगभग दो उड़ानें सोमवार और मंगलवार की मध्यरात्रि के दौरान जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के वानपोह-संगम खंड पर उतरीं। 3.5 किलोमीटर की आपातकालीन लैंडिंग पट्टी पर काम 2020 में शुरू किया गया था और देश भर में विभिन्न स्थानों पर ईएलएफ के निर्माण के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के साथ भारतीय वायुसेना द्वारा शुरू किए गए कार्यक्रम के हिस्से के रूप में पिछले साल के अंत में पूरा हुआ।

अधिकारियों ने कहा कि ‘लैंडिंग' पट्टी पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और अतिरिक्त कर्मियों को तैनात किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोग संबंधित क्षेत्र के पास न जाएं। इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि बिजबेहारा में राजमार्ग पर यातायात को वानपोह से संगम की ओर मोड़ दिया गया है, जहां विमान उतारने और इसके उड़ान भरने का परीक्षण निर्धारित है। 

चिनूक हेलीकॉप्टर की अधिकतम गति 310 किमी प्रति घंटा है। इसका उपयोग भारी वजन उठाने के लिए किया जाता है। मुख्य कैबिन में 33 से अधिक पूर्णतः सुसज्जित सैनिक बैठ सकते हैं। इसका उपयोग चिकित्सा निकासी के लिए भी किया जा सकता है और इसमें 24 स्ट्रेचर समायोजित किए जा सकते हैं। एमआई-17 हेलीकॉप्टर में 35 सैनिक समायोजित किए जा सकते हैं। इस अभ्यास के बाद, जम्मू कश्मीर कार्यरत आपातकालीन लैंडिग सुविधा (ईएलएफ) वाला पहला केंद्रशासित प्रदेश होगा। आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान तीन ऐसे राज्य हैं जहां ईएलएफ वर्तमान में कार्यरत हैं। 

Pardeep

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