DSP दविंदर सिंह के बांग्लादेश दौरे की जांच की जा रही है: दिलबाग सिंह

Tuesday, Jan 21, 2020 - 12:00 PM (IST)

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने कहा कि डीएसपी दविंदर सिंह का बांग्लादेश दौरा हमारी जानकारी में आया है। दविंदर के बेटियों की बांग्लादेश में पढ़ाई हुई थी। उनकी मुलाकात बंगलादेश में केवल बेटियों तक सीमित थी या किसी अन्य मामले से इसके तार जुड़े हैं, इस संबंध में जांच की जा रही है। वहीं कश्मीर में डी-रेडिक्लाइजेशन केंद्रों के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में डीजीपी ने कहा कि अगर ऐसी कोई व्यवस्था होती है तो यह एक अच्छा संकेत होगा।

दविंदर के पिछले अपराधों की जांच पर कोई रोक नहीं : डीजीपी
डीजीपी ने संवाददाताओं से कहा अगर हमें औपचारिक शिकायत मिलती है तो उनके (दविंदर सिंह) खिलाफ किसी भी शिकायत की जांच पर कोई रोक नहीं है। वह उन रिपोर्टों के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे कि बर्खास्त पुलिस अधिकारी ने अपने करियर के शुरुआती वर्षों में कई गैरकानूनी काम किए थे लेकिन उनकी अनदेखी की गई थी। उन्होंने कहा आप बहुत पहले की घटनाओं के बारे में बात कर रहे हैं। उस समय संबद्ध अधिकारियों ने इस पर गौर किया होगा। लेकिन औपचारिक रूप से कुछ सामने आने की स्थिति में जांच पर कोई रोक नहीं है।

यह पूछे जाने पर कि क्या सिंह ने अन्य पुलिसकर्मियों के नाम लिए हैं जो उनके साथ संलिप्त थे, डीजीपी ने कहा कि मामले में जांच चल रही है और इस समय टिप्पणी करना उचित नहीं होगा। उन्होंने कहा आने वाले समय में और खुलासे हो सकते हैं जो हम आपके साथ साझा करेंगे, लेकिन फिलहाल हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते। 



डीजीपी ने कट्टरपंथ उन्मूलन केंद्रों की स्थापना का समर्थन किया 
वहीं दिलबाग सिंह ने केंद्रशासित प्रदेश में गुमराह हुए युवाओं के लिए कट्टरपंथ उन्मूलन केंद्रों की स्थापना के विचार का समर्थन किया। सिंह ने संवाददाताओं से कहा हालिया समय में, पाकिस्तान और इसकी एजेंसियों की ओर से इस क्षेत्र में कट्टरपंथ के प्रसार के अनेक प्रयास हुए हैं, हमारे कुछ युवाओं का दिमाग इससे प्रभावित हुआ है और वे गुमराह हुए हैं। यदि ऐसे किसी प्रतिष्ठान (कट्टरपंथ उन्मूलन केंद्र) की स्थापना होती है तो इसका स्वागत किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि कुछ युवाओं को पुलिस ने पकड़ा है जो कई बार अतार्किक बातें करते हैं। सिंह ने कहा कि यदि ऐसा कोई केंद्र बनाने का प्रयास होता है जिसमें विषय के विशेषज्ञ और धार्मिक विशेषज्ञ शामिल हों तो इससे युवाओं को मदद मिलेगी। गुमराह युवाओं के दिमाग से कट्टरपंथ को दूर करने का विचार सबसे पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने दिया था जिसकी कुछ तबकों ने आलोचना की थी।

rajesh kumar

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