कश्मीर में कर्फ्यू के 50 दिन, गिलानी फिर गिरफ्तार

Saturday, Aug 27, 2016 - 06:26 PM (IST)

श्रीनगर : गत 9 जुलाई को आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद भडक़ी अशांति पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार द्वारा लगाए गए कर्फ्यू और अलगाववादियों द्वारा आहूत हड़ताल के 50 दिन शनिवार को पूरे हो गए। इन 50 दिनों के दौरान अशांति में 72 लोगों की मौत जबकि 4 हजार सुरक्षाकर्मियों सहित 8 हजार लोग घायल हो गए।

इस दौरान शनिवार को अलगाववादियों द्वारा आहूत बादामी बाग चलो मार्च को सरकार ने नाकाम कर दिया। मार्च को नाकाम करने के लिए पूरे श्रीनगर में सख्त कर्फ्यू लागू कर दिया गया। बादामीबाग की ओर जाने वाली सभी सडक़ों को पूरी तरह से सील कर दिया गया। वहीं सुरक्षाबलों की भारी तैनाती भी की गई। हुर्रियत कांफ्रैंस (जी) चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी को शनिवार को फिर एक बार हिरासत में ले लिया गया। हैदरपुरा इलाके में गिलानी ने पाबंदियों और नजरबंदी का उल्लंघन करते हुए बादामी बाग छावनी स्थित सेना के मुख्यालय की ओर मार्च करने की कोशिश की जिसे पुलिस ने नाकाम कर दिया और उनको निवास के बाहर हिरासत में ले लिया। बाद में गिलानी को हुमहामा पुलिस स्टेशन में बंद कर दिया गया। इससे पहले गिलानी को ईदगाह चलो मार्च से पहले गिरफतार करके बाद में रिहा करने के बाद नजरबंद कर दिया गया था।


जानकारी के अनुसार बादामीबाग स्थित सेना के मुख्यालय तक मार्च निकालने की अलगाववादियों की योजना के मद्देनजर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए श्रीनगर सहित घाटी के अन्य हिस्सों में कर्फ्यू जारी है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार सुबह अनंतनाग से कफ्र्यू हटा लिया गया लेकिन लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध जारी हैं। अधिकारी ने बताया कि पिछले 50 दिन में पहली बार दक्षिण कश्मीर के इस शहर से कर्फ्यू हटाया गया है। नौ जुलाई को सुरक्षा बलों के साथ एक मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर में फैली अशांति के चलते यह कर्फ्यू  लगाया गया था।


अधिकारी ने बताया कि पूरे श्रीनगर और दक्षिण कश्मीर के पुलवामा तथा पम्पोर शहर में कर्फ्यू जारी है। उन्होंने यह भी कहा कि घाटी के शेष हिस्सों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध जारी है। अलगाववादियों ने बादामीबाग छावनी इलाके में कश्मीर में चिनार कोर सेना के मुख्यालय तक एक रैली निकालने का आह्वान किया है। इस बीच, कफ्र्यू, प्रतिबंधों और अलगाववादियों द्वारा आहूत हड़ताल की वजह से लगातार 50 वें दिन जनजीवन प्रभावित हुआ है। दुकानें, निजी कार्यालय, शैक्षिक संस्थाना और पेट्रोल पंप बंद हैं तथा सार्वजनिक वाहन सडक़ों पर नहीं चले।


अधिकारी ने बताया कि कफ्र्यू की वजह से सरकारी कार्यालयों और बैंकों में कर्मचारियों की उपस्थिति भी प्रभावित हुई है। पूरी घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवायें भी बंद हैं और प्रीण्पेड मोबाइल फोन की आउटगोइंग सुविधा भी प्रतिबंधित है। वानी के मारे जाने के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों में नागरिकों की मौत को ले कर अलगाववादी घाटी में आंदोलन कर रहे हैं और उन्होंने एक सितंबर तक के लिए घाटी में हड़ताल का आह्वान किया है।

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