बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार के करोड़ों रुपए खर्च:आशिया

punjabkesari.in Thursday, Jan 18, 2018 - 10:14 AM (IST)

जम्मू: ऊर्जा राज्य मंत्री आशिया नकश ने सदन को बताया कि केंद्र सरकार ने राज्य में बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए डी.डी.यू.जी. जे.वाई. के तहत मैगा विकास कार्यक्रम शुरू किया है जिसमें 616.59 करोड़ रुपए की लागत शामिल है। विधायक अब्दुल रहीम राथर के प्रश्न के जवाब में मंत्री ने कहा कि राज्य के 21 जिलों में कार्यान्वयन के लिए इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम को मंजूरी दे दी गई है, जिसमें जम्मू संभाग में 10, कश्मीर में 9 और लद्दाख क्षेत्र के 2 जिले शामिल हैं।आशिया नकश ने कहा कि इस कार्यक्रम का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में सभी विद्युत-विद्युतीकृत क्षेत्रों के बिजली के बुनियादी ढांचे और विद्युतीकरण को बढ़ाना है, जिसमें राज्य के सभी बिजली परिदृश्यों में बिजली क्षेत्र में विभिन्न सुधारों की परिकल्पना की गई है।

इन क्षेत्रों में 5.084 लाख क्यूसिक मीटर गाद निकाली
निविदाओं के लिए खराब प्रतिक्रिया है और अन्य तकनीकी समस्याओं को धीमे क्रियान्वयन का मुख्य कारण बताते हुए मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सभी चिन्हित क्षेत्रों में इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को तेजी से कार्यान्वित करने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं, ताकि लक्षित जनसंख्या को इसके लाभ दिया जा सके। पी.एच.ई. सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री चौधरी शाम लाल ने सदन को बताया कि बाढ़ की रोकथाम के उपाय के रूप में श्रीनगर-बारामूला से दिसम्बर 2017 तक जेहलम से 10.90 लाख क्यूसिक मीटर गाद निकाली गई है। मंत्री ने बताया कि वर्ष 2014 की बाढ़ के बाद जल निकासी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग ने बारामूला व श्रीनगर में मेजर रीच ड्रेजिंग लिमिटेड, कोलकाता को ड्रेजिंग कार्य के लिए आऊटसोर्स किया है, जिसने दिसम्बर 2017 तक इन क्षेत्रों में क्रमश: 5.06 लाख क्यूसिक मीटर और 5.084 लाख क्यूसिक मीटर गाद निकाली है।

मोहम्मद अशरफ मीर के सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा
मोहम्मद अशरफ  मीर के सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि घाटी में जल निकायों, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग, जम्मू एवं कश्मीर राज्य के आपदा प्रबंधन, राहत, पुनर्वास और पुर्निनर्माण विभाग के सहयोग से सर्वेक्षणों, अध्ययनों, विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित जेहलम नदी व इसकी सहायक नदियों के बाढ़ प्रबंधन कार्यों के लिए व्यापक बाढ़ प्रबंधन योजना योजना और डी.पी.आर. तैयार करने के लिए परामर्श सेवाओं को शुरू कर दिया गया है। चौधरी शाम लाल ने कहा कि जम्मू और कश्मीर वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम 1978 के तहत वन, पर्यावरण और पारिस्थितिकी विभाग भी विभिन्न प्रकार के जल निकायों को नियमित आधार पर साफ करने का काम करता है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News