महबूबा मुफ्ती के बयान पर सरकार का पलटवार,कहा - PMAY योजना के तहत दी गई गई जमीन
punjabkesari.in Thursday, Jul 06, 2023 - 04:07 AM (IST)

श्रीनगर: सरकार ने बुधवार को कहा कि किसी भी बाहरी व्यक्ति को जमीन आवंटित नहीं की जा रही है और पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के बयान का खंडन करते हुए कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) योजना की कोई समझ नहीं है और न ही जम्मू कश्मीर के राजस्व कानून की। यहां जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ''न तो कानून में कोई बदलाव किया गया है और न ही किसी बाहरी व्यक्ति को जमीन आवंटित की जा रही है।''
प्रशासन ने खंडन करते हुए कहा कि जिन लोगों को मकान दिए जा रहे हैं, उन्हें वर्ष 2011 में जम्मू कश्मीर में हुई सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना(एसईसीसी) के डेटा के आधार पर ही पहली अप्रैल 2016 को शुरू हुए पीएमएवाई (ग्रामीण) चरण -1 के लिए चुना गया था।
ग्राम सभाओं द्वारा सत्यापित किए जाने के बाद 2,57,349 बेघर मामलों की पहचान की गई, जिनमें से 136152 मामले, प्रधानमंत्रीर के संकल्प- वर्ष 2022 तक सभी के लिए आवास को पूरा करने के लिए जम्मू-कश्मीर के लिए स्वीकृत किए गए हैं। महबूबा मुफ्ती ने जिन 19 हजार बेघरों की बात की है, वह आवास एवं शहरी विकास विभाग से संबंधित है जबकि पीएमएवाईजी योजना जम्मू कश्मीर के ग्रामीण इलाकों के लिए है।
वर्ष 2016 से जून 2018 तक जम्मू कश्मीर में मुख्यमंत्री के पद पर महबूबा मुफ्ती ही आसीन थी। संबधित अधिकारियों ने बताया कि उपरोक्त योजना के तहत भारत सरकार प्रत्येक मकान के लिए 1.30 लाख रूपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है और मकान न्यूनतम एक मरला जमीन पर हो। उन्होंने बताया कि कई लाभार्थियों ने दावा किया था कि उन्हें 2011 एसईसीसी में शामिल नहीं किया गया और उनकी पहचान की पुष्टि के लिए सरकार ने जनवरी, 2018 से मार्च, 2019 के दौरान आवास सर्वेक्षण किया।
आवास के माध्यम से एकत्र किए गए लाभार्थियों के डेटा का उपयोग एसईसीसी स्थायी प्रतीक्षा सूची (पीडब्ल्यूएल) पीएमएवाई चरण- II (आवास प्लस) ग्रामीण से उपलब्ध कराए गए समग्र लक्ष्य और पात्र लाभार्थियों के बीच अंतर को भरने के लिए किया गया था, जो 2018-19 के सर्वेक्षण के आधार पर 2019 से शुरू हुआ था। पूरे भारत में हुए इस सर्वेक्षण के दौरान, जम्मू कश्मीर में 2.65 लाख बेघर पाए गए और उसके आधार पर जम्मू-कश्मीर को केवल 63426 घरों का लक्ष्य दिया गया। इन घरों को 2022 में ही मंजूरी दी गई है। परियोजना का यह चरण 31 मार्च 2024 को पूरा हो रहा है।