जम्मू कश्मीर में चुनाव को लेकर केंद्र सरकार ने दिखाई हरी झंडी,  60 फीसद सीटें हैं खाली

Saturday, Dec 28, 2019 - 03:40 PM (IST)

जम्मू: जम्मू-कश्मीर में सुधरती कानून व्यवस्था के बीच विधानसभा चुनावों के लिए जमीन तैयार करने के लिए प्रशासन ने वादी में रिक्त पड़े पंचायत हल्कों में चुनाव कराने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। यह चुनाव अगले साल की शुरूआत में कराए जा सकते हैं। इस संदर्भ में केंद्र सरकार ने राज्य प्रशासन को हरी झंडी दिखा दी है।



बता दें कि कश्मीर की 60 प्रतिशत पंचायतों में आतंकियों की धमकियों व मुख्यधारा के विभिन्न राजनीतिक दलों के बहिष्कार के कारण चुनाव नहीं हो पाए थे। 31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर राज्य दो केंद्र शासित राज्यों में पुनगर्ठित हुआ, जहां साल 2018 में पंचायतों के गठन के लिए चुनाव हुए थे। कश्मीर में 20,093 पंच-सरपंच पदों में से 12,565 पद खाली हैं। केवल 6,162 पंच और 1,366 सरपंच चुने गए हैं। जम्मू संभाग की बात करें तो वहां 15,800 पंच और 2,289 सरंपचों का चुनाव हुआ, जबकि 166 सीटें खाली हैं। लद्दाख संभाग में 1,414 पंच और 192 सरपंच सीटों पर चुनाव हुए जबकि 45 सीटें खाली है। 



राज्य प्रशासन के अधिकारी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में जल्द से जल्द राजनीतिक गतिविधियों को सामान्य बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। पांच अगस्त के बाद एहतियातन हिरासत में लिए गए राजनीति से जुड़े प्रमुख नेताओं व कार्यकर्ताओं को चरणबद्ध तरीके से रिहा किया रहा है। उन्होंने बताया कि बीते दिनों जम्मू-कश्मीर को लेकर नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई में हुई बैठक में नजरबंद नेताओं की रिहाई, इंटरनेट जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई थी। बैठक में जम्मू-कश्मीर ने विस चुनावों से पहले खाली पड़े पंच-सरपंच हल्कों में चुनाव करवाने का प्रस्ताव रखा।

उपराज्यपाल जीसी मुर्मू ने रियासी में पहले ही संकेत दे चुके हैं कि जल्द ही सत्ता पूरी तरह लोगों के हवाले कर दी जाएगी। मतलब यहां जल्द ही विधानसभी चुनाव होंगे। वहीं दो दिन पहले मुख्य निर्वाचन अधिकारी चुनावों के संदर्भ में केंद्र शासित राज्य के सभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करते हैं, तीन से चार दिन पहले नेकां-पीडीपी के नेताओं की बैठकें और इसके बाद दिल्ली में हुई जम्मू-कश्मीर के हालात पर बैठक होती है। ऐसे में इन सभी बैठकों को हम मात्र संयोग नहीं कह सकते।

rajesh kumar

Advertising