जम्मू कश्मीर: माता वैष्णो देवी के यात्रियों के लिए खास खबर

Saturday, Oct 03, 2015 - 12:30 PM (IST)

जम्मू कश्मीर: माता वैष्णो देवी की यात्रा पूरे हिन्दोस्तान में लोकप्रिय है। त्रिकुटा की पहाडिय़ों में स्थित मां की गुफा तक के दर्शनों के लिए आधार शिविर कटड़ा से तेरह किलोमीटर का लंबा और कठिन पहाड़ी रास्ता लोग नंगे पैर, पैदल, घोड़े, पालकी या फिर हैलीकाप्टर से तय करते हैं। ज्यादातर लोग पैदल ही यात्रा करते हैं। यात्रा मार्ग कठिन होने के साथ ही इस दिनों काफी खराब हालत में है। तंग रास्ता होने के कारण घोड़े, पालकी और पिटठू वाले भी उसी मार्ग से जाते हैं। इस कारण से यात्रा आसान नहीं रहती है।
 

क्या है समस्या

समस्या यह है कि रास्ते में टाइलें जगह-जगह उखड़ी हुई हैं। सीढिय़ों की हालत भी कोई खास अच्छी नहीं है। रास्ते में काम लगे होने के कारण निर्माण सामग्री भी किनारे पर रखी गई है। जिससे तंग रास्ता और भी तंग हो जाता है। मजेदार बात यह है कि माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की कमाई करोड़ों में है। ऐसे में यात्रियों को सुविधाएं देने के लिए बोर्ड के पास पैसों की कोई कमी नहीं है। बाण गंगा से लेकर आगे के मार्ग पर टाइलें जगह-जगह उखड़ी हुई हैं। अद्र्धकुंवारी से भवन तक के लिए जो नया मार्ग बनाया गया है, उसकी हालत भी ठीक नहीं है। देवी द्वार और हिमकोटी क्षेत्र में भूस्खलन के कारण रास्ता काफी खराब हो गया है।

 

घायल हो रहे हैं  श्रद्धालु

बोर्ड द्वारा मरम्मत का काम लगाया गया है। पायनीर फाउंडेशन इंजीनियर कंपनी काम करवा रही है। रेलिंग बनाने का काम भी करवाया जा रहा है। ऐसे में रास्ते में पड़े बजरी, लोहे के जाले, सरिये आदि यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बन रहे हैं। कई श्रद्धालु इससे घायल भी हो जाते हैं। माता के भवन आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 20 से 22 हजार प्रतिदिन की है। अब नवारत्र शुरू होने वाले हैं। ऐसे में यात्रियों की संख्या बढ़ जाएगी। बोर्ड के पास काम को पूरा करने के लिए बहुत कम समय बचा है।

साहु का कहना है यह..

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ अजीत कुमार साहु का कहना है कि नवारात्रों तक सारे काम पूरे कर लिए जाएंगे। यात्रा मार्ग से कचरा और अतिरिक्त सामग्री हटाने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं भूस्खलन क्षेत्रों में काम करने वाली कंपनियों को निर्देश जारी किए गए हैं कि वे नवारात्रों तक काम को बंद रखें।

 
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