जम्मू कश्मीर: एक हजार लोग हुए जबरन गायब, पता लगानेके लिए अलगाववादियों ने की संयुक्त राष्ट्र से अपील

Monday, Aug 31, 2015 - 03:42 PM (IST)

जम्मू कश्मीर: विश्व विलुप्ति दिवस के मद्देनजर श्रीनगर में रविवार को गायब लोगों के संगठन ए.पी.डी.पी. ने धरना प्रदर्शन आयोजित किया। प्रदर्शन में जे.के.एल.एफ. (आर) प्रमुख जावेद अहमद मीर सहित कई वरिष्ठ अलगाववादी नेताओं ने भाग लिया।

इस अवसर पर जावेद मीर ने कहा कि 10000 लोगों को जबरन गायब करने के अलावा अवैध नजरबंदी, बेगार, संपत्ति का नुकसान और मानवाधिाकार उल्लं आदि कश्मीर मेंएक आम बात हो गई है।उन्होने कहा कि अज्ञात, बेनाम और सामूहिक कब्रें जो अभी भी जांच का इंतजार कर रहे है और अभी तक तथाकथित सरकार इन कब्रों की कोई भई व्यापक फोरेंसिक जांच का संचालन करने में अनिच्छुक है।


मीर ने कहा कि जांच या पूछताछ की बुनियादी मांग को नजरअंदाज कर दिया गया है। दुनिया भर के अन्य देशों में सरकारों ने गायब होने की घटनाओं की जांच के लिए आयोग गठित किए है। जम्मू-कश्मीर में ऐसा कोई आयोग गठित नही किया गया है और इसके विपरीत रणनीति को नजरअंदाज किया गया है या गायब होने के दावों को बदनाम किया गया है। 


एक अन्य हुरियत कांफ्रैंस (एम) नेता सोफी मुश्ताक अहमद ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन के पीडितों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से नही बच सकता है। हम अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से जबरन गायब या अनैच्छिक पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत को जम्मू-कश्मीर का दौरा करने और जबरन गायब के खिलाफ कन्वेंशन की पुष्टि करने के लिए भारत सरकार से आग्रह करने की अपील करते है।

पीपुल्स नेता इम्तियाज रेशी ने कहा कि विश्व में दिवस मनाया जाता है लेकिन कश्मीर में गायब लोगों के परिवार अभी तक उनके प्रियजनों का इंतजार कर रहे हैं। रेशी ने कहा कि कश्मीर परिदृश्य में ८००० से ज्यादा बेनाम कब्रें पाई गई है। साथ ही गायब के पीडितों के भाग्य का पता लगाने के लिए इस तरह के मामलों में जांच की मांग को लेकर विश्व समुदाय और अंतर्राष्ट्रीय अधिकार संगठन का नैतिक कर्तव्य है।

 

Advertising