जम्मू कश्मीर: अंतध्र्यान हुए बाबा बर्फानी

Monday, Jul 27, 2015 - 03:19 PM (IST)

बालटाल/जम्मू: करोड़ों हिन्दुओं की आस्था के प्रतीक हर वर्ष पवित्र अमरनाथ गुफा में हिमशिवलिंग के रूप में शोभायमान होने वाले बाबा बर्फानी अंतध्र्यान हो गए हैं। बेशक 2 जुलाई से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा 29 अगस्त तक चलेगी, लेकिन एक पखवाड़े के दौरान ही हिमशिवलिंग के पिघल जाने से यात्रा पर आने वाले शिवभक्तों की भावनाएं आहत हुई हैं। उधर, यात्रा के आधार शिविर बालटाल में हालात संभलने का नाम नहीं ले रहे।

शुक्रवार देर रात बादल फटने से बालटाल में लगा जालन्धर का भंडारा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और रोहिणी (दिल्ली) के भंडारे को भी काफी क्षति पहुंची, लेकिन रविवार को हुई बारिश से आधार शिविर में लगे अन्य भंडारों पर भी खतरे के बादल मंडरा गए हैं। भंडारा संचालकों की संस्था सायबो के अध्यक्ष राजन कपूर ने श्राइन बोर्ड और प्रशासन पर भंडारों के बचाव में कोई कदम न उठाने के आरोप लगाए हैं, जबकि श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पी.के. त्रिपाठी ने बार-बार संपर्क करने के बावजूद मोबाइल नहीं उठाया।
आज सुबह बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए पवित्र अमरनाथ गुफा पहुंच लुधियाना निवासी अजीत कुमार ने बताया कि हिमशिवलिंग रूपी बाबा बर्फानी पूरी तरह अंतध्र्यान हो गए हैं। पवित्र गुफा पर तैनात एक सुरक्षा अधिकारी और गुफा क्षेत्र में भंडारा लगाने वाले अमृतसर निवासी राजू ने इसकी पुष्टि की।

इस वर्ष करीब 2 महीने के अमरनाथ यात्रा होने के कारण ज्यादा से ज्यादा शिवभक्तों को बाबा बर्फानी के दर्शन होने की उम्मीद थी, लेकिन यात्रा शुरू होने के बाद बादल फटने और भारी बारिश की घटनाओं ने यात्रा को प्रभावित किया। तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद शिवभक्तों के हौसले पस्त नहीं हुए थे, यात्रा के केवल एक पखवाड़े में ही बाबा बर्फानी के अंतध्र्यान होने से यात्रा पर प्रतिकूल असर होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

उधर, अमरनाथ यात्रा के आधार शिविर बालटाल में शुक्रवार रात को बादल फटने के बाद बने हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है। 7 नंबर साइट पर स्थापित शिवशक्ति सेवा दल जालन्धर के प्रधान अशोक कुमार और मनमोहन ने बताया कि परसों रात की प्राकृतिक आपदा के कारण उनका भंडारा बुरी तरह तबाह हो गया है। भंडारे में 2 से 5 फुट तक मलबा व कीचड़ भर गया है और काफी सामान इसके नीचे दब गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बादल फटने की घटना को 2 दिन बीत जाने के बावजूद श्राइन बोर्ड एवं राज्य प्रशासन ने उनकी कोई सुध नहीं ली है।

भंडारे के सेवादार मलबे के नीचे दबे बर्तन, राशन एवं अन्य सामान निकालने में लगे हैं। यदि प्रशासन जे.सी.बी. मशीन उपलब्ध करवा देता तो बहुत सुविधा हो जाती। इसी प्रकार, 6 नंबर साइट पर लगे शिवभक्ति सेवा ट्रस्ट रोहिणी (दिल्ली) के भंडारे को भी काफी नुक्सान पहुंचा है। इस भंडारे का रसोईघर पूरी तरह मलबे में दब गया है। इसके अलावा भी कई भंडारों को नुक्सान पहुंचा है। किसी के टैंट उखड़ गए हैं तो किसी का जनरेटर मलबे के नीचे दबा पड़ा है।

इस संबंध में भंडारा संचालकों की संस्था सायबो के अध्यक्ष राजन कपूर और कोषाध्यक्ष अमित शर्मा का कहना है कि रविवार की बारिश ने भंडारा संचालकों की चिंताएं और बढ़ा दी हैं। इस बारिश से भंडारा संचालक सहमे हुए हैं, क्योंकि श्राइन बोर्ड एवं राज्य प्रशासन ने उन्हें राहत प्रदान करने के लिए कोई पहल नहीं की है। भंडारों के पास से गुजर रहा नाला मलबे से भर गया है और ऊपर की तरफ बड़े-बड़े पत्थर आए हुए हैं। यदि समय रहते कोई कदम नहीं उठाया गया और भू-स्खलन जैसी कोई घटना हो गई तो बालटाल में भारी तबाही की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।

 

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